Single Use Plastic: प्रतिबंधित होने के बाद लगेगी इस तरह ठिकाने, आगरा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में फ्यूल के रूप में यूज होगी प्लास्टिक

Jul 06, 2022
Source: https://www.jagran.com

आगरा, जागरण संवाददाता। 75 माइक्रोन तक की सिंगल यूज प्लास्टिक देशभर में प्रतिबंधित की जा चुकी है। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में लागू पर्यावरणीय बंदिशों के चलते आगरा में कोई भी प्लास्टिक या पालीथिन रिसाइकिलिंग यूनिट नहीं है। यहां बनाया जाने वाला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शहर में कूड़े के निस्तारण के साथ ही प्लास्टिक व पालीथिन कचरे का भी निदान करेगा। प्लांट में फ्यूल के रूप में प्लास्टिक व पालीथिन का उपयोग किया जाएगा।

प्लास्टिक प्रदूषण पर रोकथाम को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार देश में एक जुलाई से 75 माइक्रोन की प्लास्टिक व पालीथिन पर रोक लगा दी गई है। अगले चरण में देश में 31 दिसंबर तक 120 माइक्रोन की प्लास्टिक व पालीथिन पर रोक लगाई जानी है। जागरूकता के अभाव में प्लास्टिक प्रदूषण निरंतर बढ़ता जा रहा है। कूड़े में फेंकी जानी वाली पालीथिन को गाय खा लेती हैं। वहीं, नालों व नालियों में बहकर पहुंची पालीथिन यमुना की तलहटी तक पहुंच रही है।

आगरा में कुबेरपुर में लगा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट। 

यमुना के किनारों पर आठ से 10 फुट तक पालीथिन जमा है। यह जमीन की उर्वर क्षमता को भी प्रभावित कर रही है। पालीथिन व प्लास्टिक कचरे के निस्तारण में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट सहायक होगा। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी डा. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि आगरा में प्लास्टिक व पालीथिन रिसाइकिलिंग करने वाली कोई यूनिट नहीं है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में बिजली उत्पादन को प्लास्टिक व पालीथिन कचरे का इस्तेमाल फ्यूल के रूप में होगा।

280 करोड़ रुपये से बनेगा प्लांट

वेस्ट टू एनर्जी प्लांंट का निर्माण 280 करोड़ रुपये से स्पाक ब्रेसान कंपनी द्वारा किया जा रहा है। 11 एकड़ जगह में लगने वाला यह प्लांट दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। यहां 800 टन कूड़े से 15 मेगावाट बिजली तैयार होगी। प्लांट लगने के बाद शहर में निकलने वाले कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होगा।

125 टन प्लास्टिक कचरा प्रतिदिन निकलता है

शहर में प्रतिदिन करीब 125 टन प्लास्टिक व पालीथिन कचरा निकल

बाहर होती है रिसाइकिलिंग

आगरा में प्लास्टिक या पालीथिन की रिसाइकिलिंग को कोई यूनिट नहीं है। नगर निगम की मैटेरियल रिकवरी फेसिलिटी (एमआरफ) को देख रही मिशन वाइड वेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेज ही प्लास्टिक या पालीथिन कलेक्शन के काम को देख रही है। वह शहर से बाहर स्थित रिसाइकिलिंग प्लांट में प्लास्टिक व पालीथिन को भेजती है। 

 

 

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