इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- शिक्षक की सेवाकाल में मृत्यु पर आश्रित को करें ग्रेच्युटी का भुगतान

Feb 11, 2021
Source: jagran.com

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अध्यापक की सेवाकाल के दौरान हुई मृत्यु की स्थिति में उसकी ग्रेच्युटी का भुगतान किए जाने के एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी है। एकलपीठ ने कहा था कि सेवाकाल में मृत्यु होने पर यदि अध्यापक ने 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं भरा है तो भी उसे मिलने वाली ग्रेच्युटी का भुगतान उसके आश्रित को किया जाए।

राजकुमारी व अन्य और प्रेम कुमारी व अन्य मामलों में एकलपीठ के इस निर्णय को सरकार ने विशेष अपील में चुनौती दी थी। अपीलों पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी व न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी व न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठों ने अलग-अलग सुनवाई की।

प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद के वकीलों का कहना था कि नियमानुसार 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापक ग्रेच्युटी पाने के हकदार होते हैं, जो अध्यापक 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनते हैं उनको ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जाता है। जिन अध्यापकों ने विकल्प नहीं चुना है उनके संबंध में माना जाएगा कि वह 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति चाहते हैं और सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं होगा।

याचीगण की ओर से अधिवक्ता कमल कुमार केसरवानी ने इस मामले में वीरामवती बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व रंजना कक्कड़ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में दिए निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि एकल पीठ के आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा विवाद इन दोनों न्यायिक निर्णयों से कवर होते हैं। एकलपीठ का आदेश उचित और वैधानिक है। कोर्ट ने राज्य सरकार और परिषद की अपीलों को खारिज कर दिया है।

 

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