इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, आर्थिक अपराध की जड़ें गहरी, यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला गंभीर अपराध

Aug 09, 2021
Source: https://www.jagran.com/

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साढ़े नौ करोड़ की बैंक धोखाधड़ी व गबन के आरोपी अंशुमान दुबे को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। इनके सहित दर्जनों आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर अमित मालवीय ने पांच अप्रैल 2020 को एफआइआर दर्ज कराई थी। उसी मामले के आरोपित ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस पर सर्विस डेवलपर आफीसर रहते डेढ़ साल में कोटक महिंद्रा बैंक के करोड़ों रूपए बड़ौदा बैंक व यूनियन बैंक की करेंसी चेस्ट में जमा करने में गबन कर अकूत संपत्ति खरीदने का आरोप है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि आर्थिक अपराध की जड़ें गहरी होती है।इससे जन-धन का भारी नुक़सान होता है। कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी कि देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला यह गंभीर अपराध है जिसे गंभीरता से लेना चाहिए।

छह लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट

यह प्रकरण यूं है। चारअप्रैल 2020 को सेन्ट्रल रीडिंग यूनिट ने जानकारी दी कि खुल्दाबाद शाखा करेंसी चेस्ट मैच नहीं कर रही है। करेंसी चेस्ट में कम पैसा जमा किया गया है। याची अंशुमान दुबे के पास से 42 लाख 33 से ज्यादा नकदी, 1.2 किग्रा सोने और चांदी के जेवर बरामद हुए। यह भी पता चला कि उसकी पत्नी के नाम बस्ती में प्लांट व गोरखपुर में फ्लैट हैं। अंशुमान ने उसी दौरान कंपास जीप खरीदी थी। तीन जुलाई 2020 को अंशुमान दुबे सहित छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। 16 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है। याची अधिवक्ता का कहना था कि बरामदगी झूठी दिखाई गई है। जीप लोन से ली है। पत्नी सरकारी स्कूल अध्यापिका है। गबन के पहले खरीद की गई है। उसे झूठा फंसाया गया है। उसके द्वारा दिये गये चार्ट में एक पैसे का घपला नहीं है।

घपले का मास्टर माइंड

सरकारी वकील ने कहा, अंशुमान की पत्नी के खाते में 77 लाख रुपये जमा है। दो करोड़ की जमीन खरीदी गी है। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि याची ने संपत्ति खरीदने का श्रोत नहीं बताया। खाताधारकों की गाढ़ी कमाई के नौ करोड़ से अधिक का गबन कर लिया गया है। शेष रकम अभी बरामद होनी है। विवेचना जारी है। सीसीटीवी फुटेज याची की गतिविधियों को अपराध से जोड़ते हैं। लाखों नकद व करोड़ों की ज्वेलरी को फंसाने के लिए प्लांट करना आसान नहीं है। याची घपले का मास्टरमाइंड है। आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है और जमानत पर छूटने पर गवाहों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती। यह कहकर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है।

 

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