चीन और भारत के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए भारत के साथ-साथ चीन को भी प्रयास करने होंगे: सत्येन्द्र सिंह (चेयरमैन -उत्थान समिति)

Aug 06, 2019

चीन और भारत के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए भारत के साथ-साथ चीन को भी प्रयास करने होंगे: सत्येन्द्र सिंह (चेयरमैन -उत्थान समिति)

यू एन के पूर्व अनुसचिव और चीन में भारत के पूर्व राजदूत विजय नांबियार एवं विदेष मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व सचिव और आइ सी सी आर के डायरेक्टर डाॅक्टर अमरेन्द्र कठुआ इस संगोश्ठी में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

-उद्योग विहार (सितंबर 2019)- गाजियाबाद।
उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येन्द्र सिंह ने स्वागत करते हुए कहा की हम आपका भारत में अपनी संस्था उत्थान समिति की तरफ से हार्दिक स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं की हमारे बीच में शैक्षणिक, सांस्कृतिक, और वैचारिक संबंधों में मजबूती आएगी और हमारे बीच में सांस्कृतिक एवं व्यापारिक आदान प्रदान बढ़ेंगे। और हिन्दी चीनी भाई भाई का नारा बुलंद होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की हम लोग मिलकर पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्य करेंगे। और समाज को जीरो कार्बन फुट प्रिन्ट देंगे। आज आतंकवाद से बड़ी और विकराल समस्या दूषित पर्यावरण है। वायु मण्डल में आक्सीजन की मात्रा जीरो होने जा रही है। लेकिन पेड़ों का कटना बदस्तूर जारी है। ये पेड़ जो की आक्सीजन के कारखाने हैं इनको लगाना अत्यंत आवश्यक है ताकि हम स्वच्छ हवा में साँस ले सकें और हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित एवं सुनहरा हो। हम चाहते हैं की हमारे बीच में सांस्कृ तिक सम्बन्धों में मजबूती आये और सांस्कृ तिक गतिविधियों का आदान प्रदान हो। तभी हम लोग एक दूसरे के सांस्कृतिक पहलू को भली भाँति समझ पाएंगे। जो की हमारे सम्बन्धों को मजबूती प्रदान करेगा। चीन से आये दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल का स्वागत उत्थान समिति ने सीवाईएल के सहयोग से किया। उत्थान समिति के उप निदेशक हिमाद्रिश सुवन ने कार्यक्रम का सफल संयोजन किया तथा सभी का स्वागत किया। गोल मेज सम्मलेन में झांग वी उप निदेशक साउथ एसियन अफेयर्स डिवीजन चाइना ने दोनों देशो में मध्य सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक आदान प्रदान पर जोर दिया साथ ही टेक्नोलॉजी के आदान प्रदान पर भी जोर दिया गया। उन्होंने बताया की किस तरह चीन ने प्रदूषण पर काबू पाया है और काफी हद तक सफल है। और वह यह टेक्नोलॉजी भारत को भी देना चाहता है। उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों और भारत की लोक कलाओं को चीन में तथा चीन की सांस्कृतिक लोक कलाओं को भारत में बढ़ाने के लिए सहयोग पर चर्चा की। उनके साथ जी चुआन, गुओ यान, पूजिंझू, ली वेन, कोंग युवा, ली हैंग, हुयु, झाओजिंग, भी प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।

यह भी पढ़े-

अजय शंकर पांडेय के कुशल निर्देशन में जनपद के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जनपद का रोजगार विभाग आगामी 7 सितंबर को रोजगार मेले का आयोजन, जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/with-the-aim-of-providing-employment-to-the-unemployed-people-of-the-district-under-the-efficient-direction-of-ajay-shankar-pandey-the-employment-department-of-the-district-will-organize-an-employment-fair-on-7-september

उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येन्द्र सिंह नेकहा कीभारत व चीन एक लम्बी अवधि से एक-दूसरे को सामरिक, आर्थिक एवं कूटनीतिक दृष्टि से पीछे करने के लिए प्रयत्न करते आ रहे हैं तथा एशिया में अपने वर्चस्व को लेकर उलझ रहे हैं। आज के राजनीति में चल रहे संक्रमण काल में भारत-चीन संबंधों की नई पहल का महत्व दोनों देशों के हितों के लिए ही नहीं, अपितु तृतीय विश्व के विकासशील देशों के हितों के लिए भी आवश्यक है। 1954 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू तथा तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई द्वारा सह अस्तित्व के लिए प्रतिपादित पंचशील सिद्धांत दोनों देशों के बीच सहयोग एवं सम्मान हेतु स्थापित किया गया। पंचशील के पाँच सिद्धांतों में एक-दूसरे की अखण्डता व सम्प्रभुता का सम्मान, अनाक्रमण, समानता, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व तथा एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना शामिल था। दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी वाले दोनों देशों के बीच बाजार व व्यापार की संभावनाएं इतनी विशाल हैं कि आगामी कुछ वर्षों में साझा बाजार स्थापित हो सकता लेकिन इस व्यापार को साझा बाजार के रुप में विकसित करने के लिए संयुक्त रुप से समझदारी व संयम के साथ काम लेने की आवश्यकता है। चीन के साथ भारत का सीमा विवाद एक पुराना रोग है, जिसका उपचार किसी भी प्रति में तुरन्त सम्भव नहीं है। विगत 22 वर्षों के दौरान 14 बार किए गए प्रयासों के सीमा विवाद समाप्त करने के सन्दर्भ में कोई भी सार्थक एवं स्पष्ट नीति अभी तक नहीं बन पायी है। यह भी उल्लेखनीय है कि चीन ने पाकिस्तान, नेपाल, भूटान एवं म्यांमार से अपने सीमा विवाद समाप्त कर दिए और रुस, कजाकिस्तान व वियत नाम से भूमि व विवादों को भी विराम दिया जा चुका है। एक मात्र भारत के साथ चीन का सीमा बरकरार बना हुआ है। सीमा विवाद के साथ ही चीन का पाकिस्तान के प्रति सामरिक लगाव भारत-चीन विश्वास में भटकाव उत्पन्न करता रहा है। चीन और भारत इस समय एशिया की एक महान शक्ति के रुप में उभरे है, यदि चीन को भारत का सहयोग एवं समर्थन मिल जाता है तो उसके द्वारा अमरीका के स्व को सीधी चुनौती सरलता एवं सहजता से दी जा सकती है। इस प्रतिनिधि मण्डल को भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री स्मारक का भ्रमण करवाया गया तथा उनके पुत्र सुनील शास्त्री ने इस अवसर पर अपने पिता की स्मृतियों की एक पुस्तक इस प्रतिनिधिमंडल को भेंट की।

यह भी पढ़े-

जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय गंभीर कलेक्ट्रेट के सभागार में रेड क्रॉस सोसाइटी की बैठक में अध्यक्षता करते हुए मेंबर बनाने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश, जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/district-magistrate-ajay-shankar-pandey-presiding-over-the-meeting-of-the-red-cross-society-in-the-auditorium-of-the-gambhir-collectorate-directed-the-officers-to-make-the-member

आपकी राय !

अग्निवीर योजना से कितने युवा खुश... और कितने नहीं वोट करे और कमेंट में हमे वजह बातए ? #agniveer #agniveeryojana #opinionpoll

मौसम