कारोबार को डिजिटल बनाने का समय, नई व्यवस्था में अस्तित्व और प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करने के लिए एक मात्र उपाय

Apr 02, 2021
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[कुमार वेंबू]। तकनीक हमारे दैनिक जीवन की तमाम गतिविधियों में रच-बस गई है। यह निर्विवाद सत्य है कि हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां टेक्नोलॉजी के बिना चल नहीं सकते। तकनीक ने हमारे जीवन के हर पहलू को सरल और सहज बनाया है। विश्वव्यापी कोविड महामारी ने आज सभी व्यावसायों के लिए डिजिटल रूपांतरण और आधुनिक उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया में तकनीक को अपनाने की गति तेज कर दी है। वैश्विक महामारी हो या प्रतिस्पर्धा, एमएसएमई, सूक्ष्म, लघु और मंझोले उपक्रम समेत किराना कारोबार तक को डिजिटल के साथ नव-सामान्य नियम को अपनाना होगा। ऐसे में सवाल यह है कि कोई व्यवसाय डिजिटल रूप में रूपांतरित कैसे हो सकता है? क्या यह कठिन और अधिक समय लेने वाला नहीं है? तो इसका उत्तर है कि सचमुच ऐसा नहीं है। अगर आप इन तीन साधारण सवालों का जवाब जानते हैं, तो वास्तव में डिजिटल रूपांतरण सरल है। इसे इस तरह से समझा जा सकता है।

क्या है डिजिटल रूपांतरण?

इसे समझने के लिए हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि आखिर डिजिटल क्या है? डिजिटल का अभिप्राय है न्यूनतम कुशलता, कम लोग व न्यूनतम शिक्षण के साथ और प्रशिक्षण के बगैर आसानी से काम करना। डिजिटल का अर्थ होगा किसी दायित्व को कम से कम प्रयास, न्यूनतम कौशल और शिक्षण अवधि के साथ पूरा करना। उदाहरण के लिए, किसी से मदद मांगे बगैर किसी निíदष्ट गंतव्य पर ठीक-ठीक और तीव्रता से पहुंचने के लिए किसी कैब या बाइक कंपनी का ड्राईवर या फिर हमलोग स्वयं भी ‘गूगल मैप‘ का प्रयोग करते हैं। यह भोजन के लिए ऑर्डर करने की प्रक्रिया पर भी लागू होता है। यहां उल्लेखनीय है कि किसी को ‘गूगल मैप’ के प्रयोग का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता, क्योंकि यह इतना सरल और सहज है कि इसके लिए किसी खास प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती।

डिजिटल रूपांतरण क्यों?

इसके उदाहरण के लिए बैंकों को लिया जा सकता है। आज से करीब 20 वर्ष पहले बैंक के कर्मचारियों को कंप्यूटर के प्रयोग का विशेष प्रशिक्षण दिया गया था और सभी डाटा का डिजिटलीकरण किया गया। यह केवल प्रशिक्षित कर्मचारियों के लिए ही अभिगम्य था और ग्राहकों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। लेकिन नेट बैंकिंग के आरंभ होने से, ग्राहक आज बैंकों द्वारा दी जाने वाली अधिकांश सेवाओं को कहीं से भी प्राप्त कर सकते हैं। व्यावहारिक तौर पर यह उन टेक्नोलॉजिकल शिफ्ट के कारण संभव हुआ है जिसे डिजिटल रूपांतरण के रूप में बैंकों में लागू किया गया था। यही बात एमएसएमई संगठनों और किराना दुकानों पर लागू होती है, जहां मालिक एक एकल व्यक्ति होता है और वह दुकान के सभी कार्यकलाप के लिए उत्तरदायी होता है। उनके लिए डिजिटल रूपांतरण बहुत बड़ा काम था। एक सही सामग्री सूची प्रबंधन व्यवस्था रखने से उन्हें कम से कम कर्मचारियों, न्यूनतम कुशलताओं के साथ अपने भंडार और व्यावसायिक परिचालनों को ठीक-ठीक और दक्षतापूर्वक संभालने में मदद मिलती है।

रूपांतरण कैसे करें?

डिजिटल रूपांतरण की दिशा में पहला कदम है अपने व्यवसाय को ऑनलाइन करके ग्राहकों को स्वयं ही उनके अपने फोन से सामान का ऑर्डर करने का अवसर देना। अब इसके चलते एक नया दुकान, कारोबार खुल जाएगा। इसका विस्तार होगा, नए ग्राहक मिलेंगे और इन सबसे बढ़कर आपकी पहुंच बढ़ेगी। अपने ग्राहकों के लिए आपको अपने व्यवसाय का एक ऑनलाइन ऑर्डर एप रखने से सीधे आपसे ऑर्डर मंगाना सरल बन जाता है। इसमें आपका समय और धन खर्च नहीं होता है। आप एप को डाउनलोड करके कुछ ही दिनों में एक ऑनलाइन ऑर्डर व्यवस्था स्थापित कर सकते हैं। अपने दुकान या कारोबार के लिए एप होने से आपको अपनी प्रतिस्पर्धा, बाजार स्थलों के लिए चिंता नहीं करनी पड़ती, क्योंकि आपके ग्राहक अब न्यूनतम मार्गदर्शन या सहायता के कहीं से  भी और कभी भी आपको आसानी से और स्पष्ट रूप से ऑर्डर भेज सकते हैं। किराना की छोटी दुकान से लेकर तमाम सुपरमार्केट, सब्जियों और परचून के स्टोर्स की सीरीज, रेस्टोरेंट, औषधालयों, फास्ट फूड या अन्य सेवाओं के कारोबारों का ऑनलाइन रूपांतरण किया जा सकता है। 

छोटे-छोटे चरणों में दक्षतापूर्वक डिजिटल रूपांतरण किया जा सकता है

इस प्रकार अब कारोबारी मालिक वस्तुओं की आवक, भंडार का हिसाब-किताब, भंडार में दोबारा सामान रखना, माल उठाना, डिलीवरी, अपने मोबाइल पर सभी आंकड़े और रिपोर्ट की प्राप्ति और तमाम डिजिटल पेमेंट गेटवे आदि जैसे अपने मनपसंद माध्यम पर भुगतान की सुविधा देने के लिए परिचालनों का डिजिटलीकरण शुरू कर सकते हैं। वास्तव में सही ईआरपी वेंडर का चयन करके छोटे-छोटे चरणों में दक्षतापूर्वक डिजिटल रूपांतरण किया जा सकता है। कोविड के चलते ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी और ऑनलाइन डिलीवरी को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस नई व्यवस्था और नियम में अपना अस्तित्व बनाए रखने, प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करने, नए ग्राहक पाने और पुराने ग्राहकों का प्रतिधारण करने के लिए डिजिटल रूपांतरण ही एकमात्र उपाय है। यह डिजिटल रूपांतरण के महत्व को स्वीकारे और अपनाने का सही समय है। डिजिटल जगत में बड़ी मछली छोटी को हजम नहीं करती। जो प्रासंगिक नहीं है उसका अस्तित्व स्वयं खत्म हो जाता है। तमाम परिस्थितियां इंगित करती हैं कि कारोबार को डिजिटल बनाने का यही वक्त है। 

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