अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पर कंपनियों को मिली मोहलत, अब अप्रैल 2022 से अनिवार्य होगा नए फीचर वाले सॉफ्टवेयर का प्रयोग

Apr 07, 2021
Source: https://www.jagran.com/

नई दिल्ली, आइएएनएस। अकाउंटिंग में ज्यादा पारदर्शिता के लक्ष्य के साथ नए सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के मामले में कंपनियों को मोहलत मिल गई है। सरकार ने इसके अनुपालन की समयसीमा को 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। इसका अनुपालन पहली अप्रैल से ही सुनिश्चित किया जाना था, लेकिन मौजूदा हालात में सॉफ्टवेयर को अपडेट करने में कंपनियों की परेशानी की दलील पर सरकार ने समयसीमा को एक साल आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

अकाउंट में किसी भी तरह की धोखाधड़ी और फेरबदल पर लगाम के लिए सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है। इसी दिशा में कंपनियों को नए अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर के अनिवार्य इस्तेमाल का निर्देश दिया गया है, जिससे ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इस व्यवस्था में सॉफ्टवेयर में ऑडिट ट्रेल की अनिवार्य खूबी रहेगी। इसमें अकाउंट में किया गया हर बदलाव दर्ज होगा। कब और किस डाटा को अपडेट किया गया, उसकी पूरी जानकारी तारीख और समय के अनुसार सॉफ्टवेयर में दर्ज रहेगी।

इस सॉफ्टवेयर से किसी अकाउंट या लेखा-जोखा में कोई भी बदलाव छिपा नहीं रह सकेगा। हर लेनदेन की जानकारी सॉफ्टवेयर में अपडेट रहेगी और उसमें किसी भी तरह का बदलाव भी उसमें तत्काल दर्ज हो जाएगा। इससे आंकड़ों में बाद में किसी भी तरह की फेरबदल को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। इससे अकाउंटिंग में धांधली पर लगाम लगाना संभव होगा।

कंपनीज (अकाउंट्स) रूल्स, 2014 के तहत नियम 3 (1) कॉरपोरेट मामले मंत्रालय ने इस संबंध में नया नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि बही खाते इलेक्ट्रॉनिक मोड में तैयार करने होंगे। पहली अप्रैल, 2022 से बही खातों के लेखा-जोखा के लिए अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाली हर कंपनी के लिए ऐसे अपडेट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अनिवार्य होगा जिसमें पूरा ऑडिट ट्रेल दर्ज हो।

इसमें इस बात की पूरी जानकारी सुरक्षित रहनी चाहिए कि खाते में कब और क्या बदलाव किया गया। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी स्थिति में उस सॉफ्टवेयर से ऑडिट ट्रेल के फीचर को डिसेबल न किया जा सके, ताकि किसी धांधली की गुंजाइश न रहे।

 

 

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