LIC के IPO की लॉन्चिंग से पहले सरकार कर रही FDI नीति बदलने की तैयारी
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LIC के प्राइवेटाइजेशन के प्रयास सरकार ने तेज कर दिए हैं। इस क्रम में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की विनिवेश प्रक्रिया (LIC Disinvestment Plan) को आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। LIC के प्राइवेटाइजेशन के प्रयास सरकार ने तेज कर दिए हैं। इस क्रम में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की विनिवेश प्रक्रिया (LIC Disinvestment Plan) को आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि क्षेत्र से जुड़ी वर्तमान नीति एलआईसी की विनिवेश प्रक्रिया को आसान नहीं बनाएगी, इसलिए इसमें संशोधन की जरूरत है
उन्होंने कहा कि हम एफडीआई नीति को और आसान बनाने पर काम कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण बदलाव की तुरंत जरूरत है क्योंकि हमें एलआईसी का विनिवेश करना है। इसी को ध्यान में रखते हुए संशोधित एफडीआई नीति ला रहे हैं, जो एलआईसी की विनिवेश प्रक्रिया को आसान बनाएगी। इस बारे में वित्तीय सेवा विभाग और निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के साथ चर्चा की जा रही है।
जैन ने कहा कि हमारे स्तर पर और अभी दो दौर की चर्चा हो चुकी है और डीपीआईआईटी, डीएफएस (वित्तीय सेवा विभाग) और दीपम में इसको लेकर सहमति है। हम एफडीआई नीति में जरुरी बदलावों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजेंगे। एफडीआई की वर्तमान नीति के अनुसार बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, यह नियम भारतीय जीवन बीमा निगम पर लागू नहीं होते हैं, जिसे एक अलग एलआईसी अधिनियम के जरिये प्रबंधित किया जाता है।
बता दें कि मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में एलआईसी की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को मंजूरी दी थी और जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में कंपनी की हिस्सेदारी बिक्री की योजना बनाई जा रही है। सचिव ने लंबित ई-कॉमर्स नीति के बारे में कहा कि डीपीआईआईटी ई-वाणिज्य नीति और राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति को पूरा करने के अंतिम चरण में है।