कोरोना महामारी की दूसरी लहर से गामरेंट की बिक्री ठप, टेक्सटाइल उद्योग पर संकट, जानें पूरा विवरण
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नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना की दूसरी लहर से टेक्सटाइल उद्योग (Covid-19 Impact on Textile Industry) को भारी झटका लगा है। गारमेंट की बिक्री लगभग पूरी तरह से बंद होना इसकी मुख्य वजह है। अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन की वजह से गारमेंट के सभी रिटेल स्टोर, मॉल व अन्य दुकानें बंद हैं। गारमेंट की बिक्री लगभग पूरी तरह से ठप होने से फैब्रिक और यार्न का उत्पादन भी प्रभावित हो चुका है। यार्न के उत्पादन में 30 फीसद कटौती हो चुकी है और बड़ी संख्या में रोजगार गया है। भारी मात्रा में पुराना स्टॉक होने की वजह से स्थिति सामान्य होने पर भी मैन्युफैक्चरिंग के सामान्य होने में कम से कम दो-तीन महीने का समय लग जाएगा। तब तक कारीगरों को बेरोजगार रहना पड़ सकता है।
देश के सकल घरेलू उत्पाद में टेक्सटाइल व अपैरल उद्योग का योगदान दो फीसद है तो इस उद्योग में 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। छह करोड़ लोग इस क्षेत्र से परोक्ष रूप से अपनी जीविका चलाते हैं।
कंफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज (सिटी) के पूर्व चेयरमैन संजय जैन कहते हैं कि सिर्फ निर्यात से जुड़े काम चल रहे हैं। लेकिन लेकिन पीएफ, बिजली के बिल व अन्य देनदारी में कोई रियायत या सरकार की तरफ से मदद नहीं दी गई है। पुराना स्टॉक काफी अधिक है, इसलिए उत्पादन फिलहाल शुरू नहीं होने वाला है। करीब 40 फीसद श्रमिक जा चुके हैं।
रिचलुक ब्रांड के एमडी शिव गोयल अपने 50 से अधिक रिटेल स्टोर के लिए गारमेंट बनाते हैं, लेकिन पिछले दो महीनों से हरियाणा के गुरुग्राम स्थित उनकी फैक्ट्री में काम बिल्कुल बंद पड़ा है।
गोयल ने बताया कि वह सिर्फ अपने स्टोर के लिए गारमेंट का निर्माण करते हैं, लेकिन अप्रैल मध्य से दिल्ली-एनसीआर में सभी स्टोर बंद हैं। पुराना स्टॉक भी काफी बचा हुआ है। इसलिए प्रोडक्शन पर ब्रेक लग गया है।