Jagran Dialogues: Budget 2022 में आम आदमी के लिए क्या ऐलान हो सकते हैं? जानें एक्‍सपर्ट की राय

Jan 28, 2022
Source: https://www.jagran.com

Jagran Dialogues On Budget 2022 Jagran Dialogues की नई कड़ी में Jagran New Media के डिप्‍टी एडिटर Manish Kumar Mishra ने सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की कि सरकार इस बजट में आम आदमी को कैसे राहत दे सकती है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने वाली हैं। कोरोना स्थिति के बीच यह आम बजट काफी अहम होने वाला है। आम लोगों को इससे काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में सरकार का यह बजट आम आदमी के लिए क्या-क्या राहत ला सकता है, इसे लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं। इसी बीच Jagran Dialogues की नई कड़ी में Jagran New Media के डिप्‍टी एडिटर Manish Kumar Mishra ने सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की कि सरकार इस बजट में आम आदमी को कैसे राहत दे सकती है।

सवाल- इनकम टैक्स में छूट और बढ़ेगी?

सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि इनकम टैक्स में जो बेसिक छूट 25 लाख रुपये की है, वह काफी लंबे समय से समान है. उसे बढ़ाया नहीं गया है। इसे लेकर उम्मीगद है कि इसे बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये तक किया जाए। हालांकि, देखा गया था कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ढाई लाख रुपए की इनकम टैक्स की छूट को बढ़ाया गया था लेकिन 60 साल से कम उम्र वाले लोगों को यह छूट नहीं दी गई थी।

सवाल- इनकम टैक्स में छूट देने से सरकार को क्या फायदा होगा?

जितेंद्र सोलंकी ने कहा कि इनकम टैक्स में छूट बढ़ाने से जो सबसे बड़ा फायदा होता है वह है कि आम आदमी की जेब में ज्यादा पैसा जाता है, जिसे हम डिस्पोजेबल इनकम बोलते हैं। जब इनकम ज्यादा होती है तो वह आदमी खर्च करता है या निवेश करता है तो एक तरफ से देखें तो इकॉनमी को चलाने में ऐसे ही राहत मिलती है। डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने से इकॉनमी को फायदा होगा।

सवाल- महंगाई से इसका क्या रिश्ता है?

सोलंकी ने कहा कि महंगाई एक बड़ा फैक्टर है जो आम आदमी की चेब पर इंपैक्ट कर रहा है क्योंकि महंगाई के साथ ना तो इतनी इनकम बढ़ती है और ना ही जो सुविधाएं हैं, वह बढ़ती है। यही कारण है कि बजट से बजट आम आदमी एक्सपेक्टेशन करता है कि उसके हाथ में इनकम ज्यादा आए, जिससे वह महंगाई को मात दे सके। जब महंगाई बढ़ती है तो इंटरेस्ट रेट बढ़ते हैं, एक आम आदमी के खर्चे बढ़ने लगते हैं. ऐसे में इनकम के साथ जो मिसमैच होता है, इसकी वजह से ज्यादा नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है।

स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ सकता है?

उन्होंने कहा था कि स्टैंडर्ड डिडक्शन सरकार लाई थी। महंगाई, खर्चों और पिछलो दो तीन साल की स्थिति को देखते हैं, तो 50 हजार रुपये की छूट काफी कम दिखती है। इसीलिए लगता है कि अगर स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया जाए तो यह आम आदमी के लिए राहत होगी।

देखिए वीडियो-

Jagran Dialogues सीरीज का यह पूरा इंटरव्यू आप यहां देख सकते हैं। जितेंद्र सोलंकी ने बजट से जुड़ी तमाम संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया है।

 

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