इस्तीफा साथ लेकर सोनिया गांधी से मिलने गए थे अमरिंदर, आर-पार की लड़ाई के मूड में थे पंजाब सीएम

Jul 07, 2021
Source: https://www.jagran.com/

चंडीगढ़़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। Punjab Congress Infighting: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कल कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गए थे तो आक्रामक मूड में थे। वह पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह को निपटाने के इरादे से सोनिया गांधी के मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद कैप्टन ने जिस तरह बाहर आकर मीडिया से ज्यादा बात नहीं की, उससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि वह मुलाकात के दौरान हुई चर्चा के बाद काफी हद तक संतुष्ट हैं। वहीं विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कैप्टन आप-पार की लड़ाई के मूड में सोनिया गांधी के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे और अपना इस्तीफा भी साथ लेकर गए थे।

बैठक के बाद संतुष्ट दिखे पंजाब के मुख्‍यमंत्री, कैबिनेट में बदलाव के लिए सूची भी ले गए थे साथ

सोनिया गांधी के साथ हुई लंबी बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह को संकेत दिए गए हैं कि पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव तक पार्टी उनके साथ ही खड़ी नजर आएगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री कैबिनेट में बदलाव करने के भी इच्छुक हैं। वह मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर एक सूची साथ ले गए थे।

बताया जाता है कि इस सूची में माझा क्षेत्र के कुछ मंत्रियों के पर कतरने की तैयारी थी। माझा से ही कांग्रेस सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री हैं जिनमें सुखविंदर सिंह सरकारिया, ओपी सोनी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और अरुणा चौधरी के नाम शामिल हैं।

ये पांचों मंत्री केवल दो जिलों अमृतसर व गुरदासपुर से संबंध रखते हैं और किसी समय कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास रहे हैं, लेकन अब उनका विरोध कर रहे हैं। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू को भी माझा के कोटे से ही मंत्री बनाया गया था लेकिन उनके इस्तीफा देने के बाद से एक मंत्री पद खाली पड़ा है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह जिस समय सोनिया गांधी के साथ बैठक करने उनके आवास पर जा रहे थे तो उनके साथ दिल्ली गए अमृतसर से दलित नेता व विधायक डा. राजकुमार वेरका ने मीडिया से बात करते हुए संकेत दिए कि कैबिनेट में बड़ा बदलाव हो सकता है। उन्होंने पार्टी के संगठन में भी बड़े बदलाव के संकेत दिए, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक के बाद मीडिया के साथ बातचीत में इसे लेकर कुछ नहीं कहा।

कैप्टन ने केवल इतना कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जो भी फैसला करेंगी वह उन्हें मंजूर होगा। हालांकि कैप्टन जिस तरह कांग्रेस के हिंदू नेताओं को अपने साथ लेकर गए थे उसे देखकर जानकारों की ओर से यही अनुमान लगाया गया कि मुख्यमंत्री किसी भी सूरत में नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनते नहीं देखना चाहते हैं।     

 

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