दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा : मानव रहित बैरिकेड लोगों के उत्पीड़न की वजह, सरकार से मांगा जवाब

Feb 23, 2022
Source: https://www.amarujala.com

मानवरहित पुलिस बैरिकेड्स लगाने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त, केंद्र सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

हाईकोर्ट ने मंगलवार को कालकाजी और सीआर पार्क पुलिस थाना क्षेत्रों में मानवरहित पुलिस बैरिकेड्स लगाने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त, केंद्र सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने पुलिस आयुक्त के अलावा गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दिल्ली प्रदेश अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष ओम प्रकाश गोयल ने पिछले साल दिसंबर में इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के नाम एक पत्र लिखा था, पीठ ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया।

उक्त पत्र में हाईकोर्ट के अलावा प्रधानमंत्री को संबोधित किया गया था। पत्र में संबंधित क्षेत्रों में मानव रहित बैरिकेड्स स्थापित करने के संबंध में शिकायतें करते हुए ओम प्रकाश ने यह भी शिकायत की कि इस तरह के मानवरहित बैरिकेड्स का कोई उद्देश्य नहीं है। वास्तव में यह यातायात के मुक्त प्रवाह में रुकावट पैदा कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप वाहन मालिकों और आम जनता को परेशानी होती है, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम और होल्ड अप होता है। याची ने पत्र में विभिन्न समाचार पत्रों की रिपोर्टों का भी उल्लेख किया है।

अदालत ने कहा ओम प्रकाश द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि ये मानवरहित नाकेबंदी सड़कों की नाकाबंदी हैं, जो प्रथम दृष्टया कोई उद्देश्य नहीं रखते हैं। वास्तव में बड़े पैमाने पर जनता को असुविधा और परेशानी का कारण बनते हैं। इसमें कहा गया कि इस तरह के बैरिकेड्स का इस्तेमाल कियोस्क और वाहनों की पार्किंग के लिए भी किया गया। अदालत ने मामले की सुनवाई 13 अप्रैल तय करते हुए पुलिस को शहर में बैरिकेड्स लगाने के संबंध में अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल को भी रिकॉर्ड में रखने को कहा।

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