कर्मचारी पेंशन योजना: EPS पेंशन योजनाओं के प्रकार, ईपीएस पेंशन फॉर्म

Aug 01, 2022
Source: https://www.paisabazaar.com/

लोग अक्सर EPF और EPS के बीच के अंतर को नहीं समझ पाते हैं, और दोनों को एक समझने की गलती करते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि EPS क्या है, ईपीएस में कितनी प्रकार की पेंशन योजनाएं हैं, आपकी सैलरी का कितना हिस्सा ईपीएफ अकाउंट में जाता है, EPS से आपको कितनी पेंशन मिलेगी (Pension under EPS) और आप EPS अकाउंट से पैसे कैसे निकाल सकते हैं (How to withdrawal Money from EPS Account)। 

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) एक रिटायर्मेंट स्कीम है, जिसे EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है। यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है, जो 58 वर्ष की आयु में रिटायर हो चुके हैं। हालांकि, इस योजना का लाभ केवल तभी लिया जा सकता है, जब कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो (जरूरी नहीं कि ये नौकरी अपने लगातार ही की हो)। EPS को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था और इस योजना में मौजूदा और नए ईपीएफ सदस्य शामिल हो सकते थे।

नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही ईपीएफ फंड में कर्मचारी की सैलरी में से 12 प्रतिशत का समान योगदान करते हैं। हालांकि, कर्मचारी के योगदान का पूरा हिस्सा ईपीएफ में और नियोक्ता/ कंपनी के शेयर का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में और 3.67 प्रतिशत हर महीने ईपीएफ में जाता है। 

Employees Pension Scheme: योग्यता शर्तें

  • कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
    आप EPFO के सदस्य होने चाहिए
  • आपने 10 वर्ष तक नौकरी की हो
  • आप 58 साल के हों
  • 50 वर्ष की आयु होने पर आप ईपीएस से पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं, लेकिन वो कम होगी
  • आप दो साल (60 साल की उम्र तक) के लिए अपनी पेंशन को स्थगित कर सकते हैं, जिसके बाद आपको हर साल 4% की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी।

ईपीएस के तहत अपने पेंशन को कैलकुलेट कैसे करें

PF में पेंशन राशि, सदस्य के पेंशन योग्य वेतन और पेंशन योग्य सेवा यानी कितने साल नौकरी की है इस पर निर्भर करती है। सदस्य की मासिक पेंशन राशि की कैलकुलेशन नीचे दिए गए फ़ॉर्मूला के अनुसार की जाती है: 

पेंशन योग्य वेतन:-

किसी भी कर्मचारी का ईपीएस से बाहर निकलने से पहले पिछले 60 महीनों का पेंशन योग्य वेतन उसका औसत मासिक वेतन होता है।

यदि रोज़गार के अंतिम 60 महीनों में कुछ दिनों तक आपने EPS अकाउंट में योगदान नहीं किया है, तो भी उन दिनों का लाभ कर्मचारी को दिया जाएगा। मान लीजिए कि व्यक्ति महीने की 3 तारीख से नौकरी करना शुरू करता है तो उसे महीने के अंत में 28 दिनों का ही वेतन मिलेगा लेकिन EPS में उसका योगदान 30 दिनों के हिसाब से ही जाएगा।

अगर व्यक्ति का मासिक वेतन 15,000 रुपए है, तो 28 दिनों के लिए उस व्यक्ति का वेतन 14,000 रुपए होगा (दो दिनों के लिए प्रति दिन के हिसाब से 500 रुपए कम)। हालांकि, EPS के लिए माना जाने वाला मासिक वेतन 30 दिनों के लिए, यानी कि 15,000 रुपए है।
अधिकतम पेंशन योग्य वेतन हर महीने 15,000 रुपए तक सीमित है।

चूंकि हर महीने नियोक्ता/ कंपनी कर्मचारी के EPS खाते में उसके वेतन का 8.33% का योगदान देता है तो हर महीने कर्मचारी के EPS खाते में जमा राशि है।

पेंशन योग्य सेवा:-

आपने कितने समय तक नौकरी की है वही आपकी पेंशन योग्य सेवा मानी जाती है। आपने जितने समय के लिए भी विभिन्न कंपनियों/ संस्थानों के लिए काम किया है, वह आपके पेंशन योग्य सेवा अवधि को कैलकुलेट करते वक्त जोड़ा जाता है। कर्मचारी को EPS स्कीम सर्टिफिकेट हासिल करना और हर बार नौकरी बदलने पर उसे यह सर्टिफिकेट नए संस्थान/ कंपनी के पास जमा करना आवश्यक है।

ध्यान रहे कि कर्मचारी को 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद 2 साल का बोनस मिलता है।

यदि सदस्य अपने EPS फण्ड को 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने से पहले या किसी अन्य कंपनी में शामिल होने पर निकाल लेता है तो उसे EPS खाते में योगदान के लिए नए सिरे से शुरूआत करनी होगी और सेवा अवधि भी ज़ीरो से ही शुरू होगी।

पेंशन योग्य सेवा अवधि 6 महीनों के आधार पर गिनी जाती है। न्यूनतम पेंशन योग्य सेवा अवधि 6 महीने की होती है। यदि सेवा अवधि 8 वर्ष 2 माह है, तो पेंशन योग्य सेवा अवधि 8 वर्ष मानी जाएगी। हालाँकि, यदि सेवा अवधि 8 वर्ष और 10 महीने है, तो पेंशन योग्य सेवा अवधि 9 वर्ष की मानी जाएगी।

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन लाभ

EPFO के सभी योग्य सदस्य अपनी उम्र के मुताबिक पेंशन का लाभ तब से उठा सकते हैं जब वे पेंशन निकालना शुरू करते हैं। पेंशन राशि अलग- अलग मामलों में अलग-अलग होती है।

1) 58 साल की आयु में रिटायर होने पर पेंशन

कोई सदस्य 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के बाद पेंशन लाभ लेना शुरू कर सकता है। हालांकि, 58 वर्ष की उम्र का होने तक सदस्य ने 10 साल नौकरी की हो। एक EPS स्कीम सर्टिफिकेट जारी किया जाता है जिसका इस्तेमाल मासिक पेंशन निकालने के लिए जमा किये जाने वाले फॉर्म 10 D भरने के लिए किया जा सकता है।

2) मासिक पेंशन के लिए योग्य होने से पहले नौकरी छोड़ने पर पेंशन

यदि कोई सदस्य 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक नौकरी नहीं कर पाता है, तो वह 58 वर्ष की आयु में फॉर्म 10C भरकर पूरी राशि निकाल सकता है। यहाां ध्यान रहें कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।

3) नौकरी करने के दौरान पूरी तरह से विकलांग होने पर पेंशन

यदि EPFO का कोई भी सदस्य पूरी तरह विकलांग हो जाता है और उसने पेंशन योग्य सेवा अवधि भी पूरी नहीं की है, तब भी वह मासिक पेंशन का हकदार है। पेंशन के लिए योग्य होने के लिए उसके नियोक्ता/ कंपनी को कम से कम एक महीने के लिए उसके EPS खाते में पैसे जमा करने होंगे।

कर्मचारी विकलांग होने की तारीख से मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाता है और ज़िंदगीभर के लिए उसे पेंशन मिलती है। हालांकि, यह चेक करने के लिए कि सदस्य वह नौकरी नहीं कर सकता है जो वह विकलांग होने से पहले कर रहा था, उस कर्मचारी का मेडिकल टेस्ट हो सकता है।

4) कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार के लिए पेंशन

कर्मचारी का परिवार निम्नलिखित मामलों में पेंशन लाभ प्राप्त कर सकता है:

  • नौकरी करते हुए कर्मचारी की मृत्यु होने पर और नियोक्ता/ कंपनी द्वारा कम से कम एक महीने उस कर्मचारी के EPS खाते में पैसे जमा किए जाने पर
  • अगर कर्मचारी ने 10 साल नौकरी कर ली है, पर 58 वर्ष की उम्र होने से पहले ही उसकी मौत हो जाती है
  • मासिक पेंशन शुरू होने के बाद कर्मचारी के मृत्यु के मामले में।

EPS की पेंशन योजनाओं के प्रकार

EPS के तहत विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाएं हैं जैसे विधवाओं, बच्चों और अनाथों के लिए पेंशन। ये पेंशन EPF ग्राहक के परिवार के सदस्य को आय प्रदान करती है।

1) विधवा पेंशन

विधवा पेंशन या वृद्धा पेंशन (EPS Widow Pension) योग्य सदस्य की विधवा स्त्री के लिए प्रदान की जाती है। विधवा की मृत्यु या उसके पुनर्विवाह तक यह पेंशन की राशि उन्हें दी जाएगी। एक से अधिक विधवायें होने पर, उम्र में बड़ी विधवा को पेंशन राशि मिलेगी।

मासिक वृद्धा पेंशन राशि, EPS, 1995 की टेबल-C पर निर्भर करती है। फिलहाल न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाकर 1000 रु. कर दी गई है। पेंशन पाने वाले सदस्यों के लिए 6,500 रु. की पेंशन योग्य वेतन के अनुसार, विधवा पेंशन राशि को नीचे दी गई टेबल के मुताबिक कैलकुलेट किया जाता है। बता दें कि मासिक पेंशन योग्य सैलरी को 15,000 रु. तक बढ़ा दिया गया है और इसलिए अधिक पेंशन उपलब्ध हो सकती है:

2) बाल पेंशन

सदस्य की मृत्यु हो जाने पर, मासिक विधवा पेंशन के अलावा परिवार में जीवित बच्चों के लिए मासिक बाल पेंशन (EPS Child Pension) भी प्रदान की जाती है। इस पेंशन का भुगतान तब तक किया जाएगा जब तक बच्चा 25 वर्ष की उम्र का नहीं हो जाता। भुगतान की जाने वाली राशि विधवा पेंशन की 25% तक होती है और इसका भुगतानअधिकतम दो बच्चों को किया जा सकता है।

3) अनाथ पेंशन

यदि सदस्य की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई जीवित विधवा नहीं है, तो उसके बच्चे मासिक विधवा पेंशन के मूल्य की 75% राशि मासिक अनाथ पेंशन (EPS Orphan Pension) के रूप में पाने के हकदार होंगे। यह लाभ बड़े से छोटे क्रम में, दो जीवित बच्चों के लिए लागू होगा।

4) घटी हुई पेंशन

अगर EPFO के सदस्य ने 10 साल की सेवा अवधि पूरी कर ली है और वह 50 साल की उम्र का हो गया है लेकिन उम्र 58 वर्ष से कम है तो वह जल्दी पेंशन राशि निकाल सकता है। इस मामले में, 58 साल की उम्र का होने के लिए जितने साल बाकी है, उस हर साल पर 4% की दर से पेंशन राशि कम की जाती है।

यदि सदस्य 56 वर्ष की आयु में घटी हुई मासिक पेंशन को निकालने का फैसला करता है, तो उसे मूल पेंशन राशि का 92% (100% – 2×4) मिलेगा।

EPS अकाउंट का बैलेंस कैसे चेक करें?

सदस्य, अपनी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) खाते में जमा राशि को EPF पास-बुक के जरिए जान सकते हैं। पासबुक का अंतिम कॉलम, हर महीने नियोक्ता/ कंपनी द्वारा जमा किए गए EPS योगदान को दर्शाता है। EPF पासबुक पोर्टल पर पर UAN और पासवर्ड का उपयोग करके अकाउंट में लॉग-इन करने के बाद पासबुक डाउनलोड की जा सकती है।

ईपीएस पेंशन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातें 

  • कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) खाते में किए गए सभी योगदान नियोक्ता/ कंपनी द्वारा ही किए जाने चाहिए
  • कंपनी ईपीएस में कर्मचारी की सैलरी का 8.33 प्रतिशत का योगदान करती है
  • कर्मचारी की सैलरी में महंगाई भत्ते, रिटेनिंग अलाउंस और भोजन संबंधी रियायतों की कैश वैल्यू के साथ बेसिक सैलरी भी शामिल होती है
  • नियोक्ता/ कंपनी को हर महीने के आखिरी 15 दिनों के भीतर अपना योगदान देना होता है
  • कंपनी/ नियोक्ता के द्वारा सभी लागू योगदान की लागत वहन की जानी चाहिए I
  • प्रमुख नियोक्ता/ कंपनी को उसके लिए काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सीधे या एक ठेकेदार के माध्यम से योगदान करना पड़ता है
  • पेंशन के फायदे प्राप्त करने के लिए योग्य न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल होती है
  • यदि आपने 10 वर्ष से कम और 6 महीने से अधिक समय तक नौकरी की है, तो आप दो महीने से अधिक समय तक बेरोज़गार रहने पर अपनी EPS राशि निकाल सकते हैं
  • योजना के अनुसार, कर्मचारी की रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष तय की है
  • कर्मचारी 58 साल का होने के बाद या घटी हुई पेंशन (50 वर्ष की आयु में) प्राप्त करना शुरू करने के बाद पेंशन फंड का सदस्य नहीं रहता है।

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