उप-श्रमायुक्त की पत्नी से एक करोड़ की धोखाधड़ी

Feb 10, 2021
Source: jagran.com

राजनगर एक्सटेंशन की वीवीआइपी सोसायटी में रहने वाली आजमगढ़ में तैनात उप-श्रमायुक्त की पत्नी उषा देवी की शिकायत पर मेरठ में तैनात महिला पुलिस इंस्पेक्टर, उनके पति व अन्य पर एक करोड़ की धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी की रिपोर्ट कविनगर थाना में दर्ज की गई है। एडीजी मेरठ जोन राजीव सभरवाल के आदेश पर पुलिस ने चार नामजद व दो अज्ञात आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

उषा देवी के पति रोशन लाल उप-श्रमायुक्त हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती आजमगढ़ में है। उषा देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मार्च 2017 में उनके पति की तैनाती बरेली में थी। उस दौरान मेरठ के शास्त्रीनगर का रहने वाला सुरेश कुमार यादव चालान के संबंध में उनके पति से मिलने आया था। उसने खुद को कई पेट्रोल पंप का मालिक बताया।

अपने चालान के संबंध में वह अक्सर उप-श्रमायुक्त के कार्यालय में आता रहता था, क्योंकि बरेली में उप-श्रमायुक्त का कार्यालय व आवास एक ही परिसर में है तो सुरेश कुमार यादव कभी-कभी उनके घर पर भी आ जाता था। धीरे-धीरे उसने पारिवारिक संबंध बना लिए। रक्षाबंधन पर सुरेश राखी बंधवाने के लिए पहुंच जाता था। बातों-बातों में एक दिन उषा देवी ने बता दिया कि महिला एससी कोटे से गाजियाबाद स्थित स्वर्णजयंती पुरम में उन्हें पेट्रोल पंप का आवंटन हुआ है। यह सुनते ही वह पेट्रोल पंप संचालन के लिए उनके पीछे पड़ गया। उन्होंने बेटे ऋषभ द्वारा पेट्रोल पंप का संचालन कराने की बात कही तो सुरेश कुमार यादव मेरठ में तैनात महिला पुलिस इंस्पेक्टर पत्नी नर्गिस खान को लेकर उनके पास पहुंच गया। दोनों ने उनके बेटे के साथ मिलकर पेट्रोल पंप के संचालन की बात कही। पेट्रोल पंप आवंटन के दो महीने बाद ही अक्टूबर 2017 में सड़क दुर्घटना में उषा देवी के बेटे की मौत हो गई। इसके बाद उषा देवी या परिवार को कोई सदस्य पेट्रोल पंप पर ध्यान नहीं दे पाया। पेट्रोल पंप पूरी तरह से सुरेश के हवाले हो गया था।

आरोप है कि सुरेश कुमार यादव ने उनके पंप के लेटर हेड व स्टांप पेपर चोरी कर लिए थे। इनके आधार पर फर्जी तरीके से पेट्रोल पंप के नाम उसने बैंक से 67 लाख रुपये का ऋण लिया। इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों पर टैंकर व मिनी ट्रक पर कुल एक करोड़ रुपये ऋण ले लिया। दोनों ऋण पंप के नाम पर लिए गए थे, जबकि उषा देवी को बताया कि टैंकर व मिनी ट्रक का ऋण उसके नाम पर है।

इस धोखाधड़ी में सुरेश कुमार यादव उसकी पत्नी इंस्पेक्टर पत्नी नर्गिस खान व पंप के अकाउंटेंट जितेंद्र सिंह और उनका साथी खालिद शामिल था। बेटे की मौत के कारण उषा देवी और उनके पति सदमे की स्थिति में थे। 16 जुलाई 2018 को पीड़िता के पति का तबादला बरेली से आजमगढ़ हो गया। इसके बाद उषा देवी गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित फ्लैट में आकर रहने लगीं थीं। दो साल बाद मानसिक सदमे से उबरने के बाद वह पेट्रोल पंप देखने पहुंची तो एकाउंट का हिसाब चेक करने पर उन्हें पता चला कि हर महीने करीब 60 हजार रुपये बतौर किस्त के रूप में कट रहे थे। चूंकि करंट एकाउंट के चेक पर वह उषा देवी से हस्ताक्षर करा कर ले जाता था। इसी चेक के जरिए किस्त का भुगतान कर रहा था, इसलिए धोखाधड़ी की जानकारी नहीं हो पाती थी। धोखाधड़ी की जानकारी होने के बाद उषा ने सुरेश कुमार और नर्गिस खान को पेट्रोल पंप की देख रेख से हटा दिया।

आरोप है कि 27 सितंबर 2020 को वह भाई शिवकुमार के साथ पेट्रोल पंप पर आ रही थी। कमला नेहरू नगर के पास सुरेश कुमार यादव, महिला इंस्पेक्टर नर्गिस खान, खालिद, जितेंद्र सिंह व दो अज्ञात आरोपितों ने उनकी कार रोकी और छेड़छाड़ की। विरोध करने पर आरोपितों ने मारपीट व जान से मारने दी धमकी भी दी।

 

 

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