पराली को लेकर देश के किसानों के लिए गुड न्यूज, अब मिनटों में तैयार हो जाएगा पूसा का डिकंपोजर घोल

Sep 19, 2022

फसल अवशेष प्रबंधन में कारगर कहा जाने वाला पूसा डिकंपोजर टैबलेट आने वाले समय में नए स्वरूप में आएगा। विज्ञानी अब डिकंपोजर को टैबलेट के बजाय पाउडर के तौर पर पेश करने में जुटे हैं। पाउडर बनने के बाद इसके इस्तेमाल से जुड़ीं कई अड़चनों से किसानों को निजात मिल जाएगी।

पहले घोल बनाने में लगता था 15 दिन

पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों का कहना है कि पूसा डिकंपोजर अभी जिस टैबलेट के रूप में उपलब्ध है, उससे घोल बनाने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। इससे भी बड़ी बात है कि टैबलेट से पूरी तरह कारगर घोल बनने की प्रक्रिया में 15 दिन का समय लगता है। इसके बाद इस घोल का खेत में जमा फसल के अवशेष पर छिड़काव किया जाता है।

सुविधा के हिसाब से किसान कर सकेंगे छिड़काव

विज्ञानियों का कहना है कि पूसा डिकंपोजर का पाउडर अब 15 दिन की सीधे बचत कर देगा। इससे मिनटों में घोल तैयार हो जाएगा। इस पाउडर को पानी के घोल में मिलाकर कभी भी तैयार किया जा सकेगा।

चार राज्यों में किया जाएगा अध्ययन

पूसा डिकंपोजर के पाउडर को परखने के लिए विज्ञानी इस वर्ष दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों के पांच हजार एकड़ खेत में इसका प्रायोगिक परीक्षण करेंगे। सब कुछ सही रहा तो अगले वर्ष इसे बाजार में किसानों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।

डा. एके सिंह (निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली) का कहना है कि घोल 20-25 दिन में फसल अवशेष को कर देता है खत्म बायो डिकंपोजर के घोल को छिड़कने से 20 से 25 दिन के अंदर पराली का डंठल गल जाता है और वह एक तरह से खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

अध्ययन में आए सकारात्मक नतीजे

एक वर्ष पूर्व बायो डिकंपोजर घोल का पराली पर छिड़कने के प्रभाव का केंद्र सरकार की एजेंसी वाप्कोस ने अध्ययन किया था। वाप्कोस ने पाया कि बायो डिकंपोजर के घोल का छिड़काव करने के बाद मिट्टी के अंदर कार्बन और नाइट्रोजन के कंटेंट के साथ और भी जो बहुत सारे गुण मौजूद हैं, वह बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। पूसा डिकंपोजर टैबलेट से घोल बनाने की प्रक्रिया में पहले 15 दिन का समय लगता था, उसे पाउडर पूरी तरह खत्म कर देगा। यानी पाउडर रेडी टू यूज उत्पाद है। पानी में निश्चित मात्रा में पाउडर मिलाएं और खेत में छिड़काव करें।

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