सरकार की सलाह- घर के भीतर भी पहने मास्क, लक्षण दिखे, रिपोर्ट निगेटिव हो तो भी कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करें

Apr 27, 2021
Source: https://hindi.theprint.in/

नई दिल्ली: कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कारण देशभर में बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनकर रहना चाहिए और मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उसे मास्क पहनना ही चाहिए, ताकि घर के अन्य लोग उसके कारण संक्रमित न हों.

उन्होंने कहा, ‘बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि अब समय आ गया है कि हम सामान्य तौर पर भी घर के भीतर मास्क पहनना शुरू करें. हम घर के बाहर मास्क लगाने के बारे में बात करते थे, लेकिन संक्रमण जिस तरह फैल रहा है, उसे देखते हुए यदि हम घर के भीतर किसी के भी पास बैठे हैं, तो भी हम मास्क पहनें.’

पॉल ने कहा, ‘यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उस व्यक्ति को और घर में रह रहे अन्य लोगों को भी मास्क लगाना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि यदि घर में इस प्रकार की सुविधा नहीं है, तो लोगों को पृथक-वास केंद्रों में जाना चाहिए.

पॉल ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होना ही एकमात्र विकल्प नहीं है और ‘अस्पताल के बिस्तर जरूरतमंद लोगों के लिए होते हैं’.

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक राहत की खबर दी. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस समय देश में 82 फीसदी लोग कोरोना से उबर चुके हैं और करीब 16.25 फीसदी मामले मामले यानी कि 28,13,658 मामले अभी भी सक्रिय मामलों की श्रेणी में है, जिसकी निगरानी की जा रही है.’

अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा,  महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु में फिलहाल  एक लाख से अधिक सक्रिय मामले बने हुए हैं लेकिन यहां भी धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है.’

‘घबराएं नहीं’

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अस्पताल की सुविधाओं के उपयोग के लिए सामुदायिक भागीदारी अहम है और लोगों में अनावश्यक घबराहट के कारण लाभ के बजाए नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा कि सामान्य ऑक्सीजन स्तर और मामूली लक्षण वाले लोग भी अस्पतालों में भर्ती होना चाहते हैं, जिसके कारण वास्तव में जरूरतमंद मरीजों को अस्पतालों के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है और उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पा रहा.

गुलेरिया ने आगे कहा, ‘इस घबराहट के कारण लोग घर पर दवाइयां स्टोर करने लगे हैं और इससे बाजार में जरूरी दवाओं की बेवजह कमी हो रही है.’

एम्स के निदेशक ने लोगों से गुजारिश की कि वह अपने मन से दवा का सेवन न करें, उन्होंने कहा ‘ कई लोग सोचते हैं कि कोरोना है तो मैं पहले दिन ही सारी दवाई शुरू कर लेता हूं, इससे साइड इफेक्ट ज्यादा देखने को मिल रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर सब लोग होम आइसोलेशन नहीं करेंगे और दहशत के कारण अस्पताल में भर्ती होना चाहेंगे तो दुनिया का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा नहीं है जो इन सब लोगों को मैनेज कर पाएगा.’

देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,52,991 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28 लाख को पार कर गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन की गई जानकारी के अनुसार, संक्रमण से 2,812 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,95,123 हो गई है.

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