जीएसटी संग्रह : अप्रैल में 1.41 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कमाई, संकट से जूझ रहे देश को सहारा

May 03, 2021
Source: https://www.amarujala.com/

कोरोना वायरस महामारी के कहर के बीच गर्त में फंस रही अर्थव्यवस्था के उबरने की दिशा में आशा की किरण दिखाई दी है। केंद्र सरकार ने अप्रैल माह में रिकॉर्ड 1.41 लाख करोड़ रुपये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह से जुटाए हैं, जो नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद से किसी एक महीने में राजस्व संग्रह का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे यह भी संकेत मिला है कि कोरोना महामारी का रोजमर्रा के कामकाज और व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है।वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।


वित्त मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2021 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रहण 1,41,384 करोड़ रुपये रहा, यह अब तक का उच्च स्तर है। इसमें सीजीएसटी के रूप में 27,837 करोड़, एसजीएसटी के रूप में 35,621 करोड़, आईजीएसटी के रूप में 68,481 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। 

इसमें केंद्रीय जीएसटी के रूप में 27,837 करोड़, राज्य जीएसटी के रूप में 35,621 करोड़, आईजीएसटी के रूप में 68,481 करोड़ रुपये और सेस के रूप में 9445 करोड़ रुपए सरकार को मिले हैं।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अप्रैल में मार्च महीने के मुकाबले जीएसटी संग्रह में 14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि घरेलू व्यापार से मिलने वाला जीएसटी मार्च के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक मिला। मार्च के महीने में 1.23 लाख करोड़ रुपये जीएसटी से जुटाए गए थे, जिसे वित्त मंत्रालय ने तब तक का रिकॉर्ड मासिक जीएसटी संग्रह बताया था।

मंत्रालय का कहना है कि लगातार राजस्व संग्रह बढ़ने की वजह आर्थिक प्रगति है। साथ ही कस्टम और आयकर विभाग द्वारा नकली बिलिंग-फर्जी कंपनियों और कर चोरी पर लगाम कसने के लिए चलाए गए अभियान से भी इसमें मदद मिली है। हालांकि विशेषज्ञों ने अप्रैल माह के दौरान देश के कई हिस्सों में लगाए गए कोरोना लॉकडाउन का असर अगले महीनों में राजस्व संग्रह पर पड़ने की चेतावनी दी है।

पिछले साल अप्रैल में मिले थे महज 32 हजार करोड़ रुपये
पिछले साल अप्रैल के दौरान देश में लागू कोरोना लॉकडाउन के चलते महज 32,172 करोड़ रुपये का जीएसटी सरकार को मिला था। लॉकडाउन हटाने के बाद आर्थिक व व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने से पिछले साल अक्तूबर में जीएसटी संग्रह ने एक लाख करोड़ को छुआ था और इसके बाद लगातार केंद्र सरकार को मिलने वाला राजस्व लाख करोड़ के बिंदु से नीचे नहीं आया है।

 

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