क्या है RBI की नई एकीकृत लोकपाल योजना, कैसे करेगी काम; किसी भी बैंक, NBFCs के खिलाफ यूं कर सकेंगे कहीं से भी शिकायत

Nov 13, 2021
Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme) को लॉन्च किया। रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) का मकसद बैंक या बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी शिकायतों की समाधान प्रणाली को और बेहतर करना है। इससे केंद्रीय बैंक के नियमन के तहत आने वाली एंटिटीज जैसे बैंक, NBFCs, पेमेंट सर्विस ऑपरेटर्स के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों का समाधान बेहतर तरीके से हो सकेगा।

​कैसे काम करेगी एकीकृत लोकपाल योजना

एकीकृत लोकपाल योजना 12 नवंबर से ही प्रभावी हो गई है। इस योजना की केंद्रीय विषयवस्तु ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है। इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक बैंक, NBFCs आदि के खिलाफ अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति यानी स्टेटस जान सकते हैं और सुझाव दे सकते हैं। सरल शब्दों में ग्राहक के पास शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज जमा करने, अपनी शिकायतों की स्थिति को ट्रैक करने और प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक ही रेफरेंस प्वॉइंट होगा। लोग आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड, देश भर में स्थित किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान की एक सेंट्रलाइज्ड ओम्बड्समैन से शिकायत कर सकेंगे।

​एकीकृत लोकपाल योजना के तहत कब कर सकेंगे शिकायत

ग्राहक शिकायत तभी कर सकेगा, जब पहले उसने आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड एंटिटीज जैसे बैंक, एनबीएफसी आदि को लिखित में शिकायत की हो और उसकी शिकायत को आंशिक या पूर्ण रूप से रिजेक्ट कर दिया गया हो या फिर संतोजनक उत्तर न मिला हो या फिर 30 दिन के अंदर कोई उत्तर न मिला हो। रेगुलेटेड एंटिटी की ओर से उत्तर प्राप्त होने के 1 साल के अंदर ग्राहक एकीकृत लोकपाल योजना के तहत शिकायत कर सकता है। रेगुलेटेड एंटिटी की ओर से उत्तर प्राप्त न होने वाले मामले में शिकायत किए जाने के 1 साल 30 दिन के अंदर लोकपाल को शिकायत की जा सकती है।

​मौजूदा तीन योजनाएं हो गईं इंटीग्रेट

एकीकृत लोकपाल योजना, आरबीआई की मौजूदा तीन लोकपाल योजनाओं को एकीकृत करती है- (i) बैंकिंग लोकपाल योजना 2006; (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना 2018; और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना 2019। अगर आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड संस्थाएं जैसे बैंक, एनबीएफसी आदि ग्राहक की शिकायत का संतुष्टिपूर्ण समाधान नहीं कर पाते हैं या फिर 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देती हैं तो एकीकृत लोकपाल योजना, रेगुलेटेड एंटिटीज द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कमी से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों का निःशुल्क निवारण प्रदान करेगी। एकीकृत लोकपाल योजना के दायरे में 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक जमा राशि वाले गैर-अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक भी आते हैं।

एकीकृत लोकपाल योजना की मुख्य विशेषताएं

  • अब शिकायतकर्ता को यह पहचान करने की जरूरत नहीं होगी कि उसे किस योजना के तहत लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
  • शिकायतों को अब केवल "योजना में सूचीबद्ध आधारों के अंतर्गत शामिल नहीं" होने के कारण खारिज नहीं किया जाएगा
  • इस योजना ने प्रत्येक लोकपाल कार्यालय के अधिकार क्षेत्र को समाप्त कर दिया है।
  • किसी भी भाषा में भौतिक और ईमेल शिकायतों की प्राप्ति और शुरुआती प्रोसेसिंग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक, चंडीगढ़ में एक सेंट्रलाइज्ड रिसीप्ट व प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किया गया है।
  • रेगुलेटेड एंटिटी का प्रतिनिधित्व करने और रेगुलेटेड एंटिटी के खिलाफ ग्राहकों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में महाप्रबंधक के पद वाले प्रधान नोडल अधिकारी या उसके समकक्ष की होगी।
  • रेगुलेटेड एंटिटी को उन मामलों में अपील करने का अधिकार नहीं होगा, जहां लोकपाल ने उसके खिलाफ संतोषजनक और समय पर सूचना/दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के लिए अवॉर्ड जारी किया हो।
  • आरबीआई के उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण विभाग के प्रभारी कार्यकारी निदेशक, इस योजना के तहत अपीलीय प्राधिकारी होंगे।

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