GST Refund के लिए अब जरूरी हुआ Aadhaar, इन नियमों में भी हुए अहम बदलाव

Sep 27, 2021
Source: https://www.jagran.com/

सरकार ने जीएसटी रिफंड के लिए करदाता के आधार प्रमाणन को अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी नियमों में संशोधन के तहत यह प्रविधान किया है। इसका मकसद जीएसटी-चोरी रोकना है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने जीएसटी रिफंड के लिए करदाता के आधार प्रमाणन को अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी नियमों में संशोधन के तहत यह प्रविधान किया है। इसका मकसद जीएसटी-चोरी रोकना है। इसके तहत एक नई व्यवस्था यह भी है कि जीएसटी रिफंड केवल उसी बैंक अकाउंट में जारी किया जाएगा, जो जीएसटी पंजीकरण के दौरान दिए गए पैन कार्ड से लिंक होगा।

सीबीआईसी ने अधिसूचना में यह भी कहा कि अगले वर्ष पहली जनवरी से मासिक जीएसटी दाखिल करने से चूकने वालों को अगले महीने से जीएसटीआर-1 सेल्स रिटर्न दाखिल करने की अनुमति नहीं मिलेगी। वर्तमान नियम यह है कि जीएसटीआर-3बी लगातार दो महीनों तक दाखिल नहीं करने वालों को जीएसटीआर-1 दाखिल करने से रोक दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि किसी भी महीने के लिए जीएसटीआर-3बी अगले महीने की 20-24 तारीख और जीएसटीआर-1 अगले महीने की 11वीं तारीख को दाखिल किए जाने का प्रविधान है।

जीएसटी चोरी की जांच एक वर्ष के भीतर पूरी करें: CBIC

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने अपने फील्ड कार्यालयों से कहा है कि वे जीएसटी चोरी और लंबित मामलों की जांच एक वर्ष के भीतर पूरी करने के लिए कार्य योजना बनाएं। बोर्ड ने जीएसटी अधिकारियों से भी कहा है कि वे जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ जल्द से जल्द कारण बताओ नोटिस जारी करें, ताकि अपीलीय प्राधिकारों के पास सुनवाई तथा आदेश पारित करने के लिए पर्याप्त समय रहे। बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए सालाना जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अवधि खत्म हो चुकी है।

सीबीआइसी ने तीनों वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी चोरी में दर्ज मामलों और कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के मामलों के गहन विश्लेषण के बाद यह आदेश पारित किया। बोर्ड के अनुसार ऐसा देखा गया कि जीएसटी चोरी के दर्ज मामलों की तुलना में कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की संख्या काफी कम रही है।

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