प्रतिबंधित पटाखे बिके या चले तो जिम्मेदार होंगे अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश, जानें क्‍या कहा

Nov 01, 2021
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नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने हानिकारक पटाखों और लडि़यों पर प्रतिबंध के अपने आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने सभी राज्यों को कड़ाई से आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी तरह की ढिलाई या उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस आयुक्त और संबंधित क्षेत्र के डीएसपी व थानाध्यक्ष निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे।

शीर्ष कोर्ट ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में एक बार फिर साफ किया कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ सेहत के लिए हानिकारक विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करने वाले पटाखों पर ही प्रतिबंध है। कोर्ट ने कहा कि दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव नहीं हो सकता। दूसरों की ¨जदगी से खेलने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से साफ हो गया है कि दीवाली पर सिर्फ ग्रीन पटाखे या कम प्रदूषण वाले नियमों के अनुरूप ही पटाखे बिकेंगे और चलेंगे। पटाखों के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दिए गए आदेशों को बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि दीवाली की शाम सिर्फ 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा क्रिसमस और नववर्ष पर रात 11.55 से 12.30 तक पटाखे चलाए जा सकते हैं।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाने वाले अर्जुन गोपाल की याचिका पर दिए आदेश में कहा कि कोर्ट ने विभिन्न आदेश दिए, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि कोर्ट के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। उनके बाक्स पर गलत लेबलिंग और यहां तक कि क्यूआर कोड तक फर्जी होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ये आरोप सही हैं तो बहुत गंभीर हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आदेश लागू करने की जिम्मेदार एजेंसी सहित सभी का दायित्व है कि कोर्ट का आदेश पूरी तरह लागू हो। पीठ ने कहा कि उत्सव की आड़ में किसी को दूसरों के स्वास्थ्य के अधिकार का हनन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती जो संविधान के अनुच्छेद 21 का हिस्सा है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी राज्यों को इस आदेश का इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में व्यापक प्रचार करने को कहा ताकि लोग पटाखों की बिक्री और चलाने के बारे में दिए गए आदेश को जान सकें और जागरूक हों। मामले पर कोर्ट 30 नवंबर को फिर सुनवाई करेगा।

 

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