जब्त होंगे 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन

Oct 11, 2021
Source: https://www.navodayatimes.in

नई दिल्लीताहिर सिद्दीकी। प्रदूषण के खिलाफ जंग में अब दिल्ली में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय निकाय घरों से जब्त कर स्क्रैप कराएंगे। विंटर एक्शन प्लान के तहत ऐसे वाहनों को जब्त करने और उन्हें स्क्रैप कराने का अभियान शुरू किया जाएगा।
परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों की सूची घर के पते के साथ ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय निकायों को सौंपी है। परिवहन विभाग की टीमें भी इन वाहनों को घर के बाहर या फिर गली- मोहल्ले में खड़े पाए जाने पर उन्हें जब्त कर लेंगी।

स्क्रैप कराने के बाद जो पैसा मिलेगा, उसमें से वाहन को उठाने का शुल्क काटकर बाकी पैसा वाहन मालिक को दे दिया जाएगा। हालांकि विभाग ने उम्र पूरी कर चुके वाहनों के मालिकों को दूसरे राज्यों में भी पंंजीकरण कराने का मौका दिया है।
 बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 से दिल्ली-एनसीअार क्षेत्र में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के चलने पर रोक लगाई हुई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी ऐसे वाहनों के चलने की अनुमति नहीं देता है। उस समय से यदा-कदा ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है।

जिसमें गत वर्ष ऐसे 959 वाहन जब्त किए गए हैं। जिसमें परिवहन विभाग ने 900 और यातायात पुलिस ने 59 वाहन जब्त किए थे। जबकि इस साल अभी तक 1176 वाहन जब्त किए जा चुके हैं। इसमें 516 वाहन परिवहन विभाग ने तथा 660 वाहन यातायात पुलिस ने जब्त किए हैं। मगर अभी तक ऐसे वाहनों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर काेई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लेकिन अब इनके खिलाफ बाकायदा अभियान शुरू किया जा रहा है। 


वाहनों से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली के पर्यावरण सचिव ने हाल में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के साथ बैठक की थी। इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इसके बाद परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों को लेकर अपनी प्रवर्तन विंंग,  यातायात पुलिस और स्थानीय निकायों को पुराने वाहनों की सूची सौंपी है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि यह मुद्दा तमाम लोगों से जुड़ा है।

मगर बढ़ रही प्रदूषण की समस्या ने सभी को चिंता में डाला हुआ है। ऐसे में ऐसे वाहनों को दिल्ली में नहीं चलने देने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई के लिए योजना बनाई जा रही है। हालांकि लोगों से यह भी अपील की गई है कि वे अपने ऐसे वाहनों को उन राज्यों में पंजीकृत करा लेें, जहां इनकी अनुमति है। दिल्ली परिवहन विभाग उन्हेें एनओसी दे देगा। अगर लोग ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें खुद ऐसे वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए आगे आना चाहिए।

वाहन को स्क्रैप कराने पर प्रति किलो अधिकतम 25 रुपए के हिसाब से भुगतान होता है।  बता दें कि दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 38 लाख से अधिक है, जबकि 10 से अधिक पुराने डीजल वाहनों की संख्या 2 लाख से अधिक है, जिन्हें दिल्ली में चलने की अनुमति नहीं है। हालांकि दिल्ली सरकार ऐसे वाहनों को छूट देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है। मगर पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली को इससे लाभ नहीं हाेने वाला है। अभी फिलहाल विभाग ने 15 साल से पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है।

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