दिल्ली-NCR की ‘जहरीली’ हवा में सांस लेना भी दूभर, प्रदूषण से अल्सर की हो सकती है परेशानी, अस्थमा-दिल के मरीज रहें सावधान, करें ये उपाय

Nov 08, 2021
Source: https://www.tv9hindi.com

दिवाली के दिन भारी पैमाने पर आतिशबाजी की वजह से दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों (NCR) में आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया. अंधाधुंध पटाखों के इस्तेमाल से शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) जो गुरुवार शाम चार बजे तक 382 था, वह रात आठ बजे तक बढ़कर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया. क्योंकि कम तापमान और हवा की मंद गति रहने के कारण प्रदूषक तत्वों (Pollutants) का बिखराव नहीं हो सका.

दिल्ली के अधिकतर निगरानी स्टेशनों पर AQI 999 (निगरानी स्टेशनों की ऊपरी सीमा) पर है, जिसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पटाखों को ठहराया जा रहा है. दमघोंटू हवा के कारण लोगों को गले में खुजली, आंखों में पानी और कुछ को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कोरोना और अन्य मौसमी संक्रामक बीमारियों के साथ जहरीली हुई हवा हेल्थ पर बुरा प्रभाव डाल सकती है.

आंखों में हो सकती है अल्सर की दिक्कत

प्रदूषित हवा के कारण हृदय और सांस की दिक्कत वाले लोगों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा, अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए भी परेशानियां बढ़ सकती हैं. आंखों में अल्सर की दिक्कत भी लोगों को हो सकती है. दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें की हैं.

दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वलिटी का स्तर गुरुवार रात को 900 के लगभग पहुंच गया. दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा बढ़कर गुरुवार को 25 प्रतिशत पर पहुंच गया और इसके शुक्रवार तक 35 प्रतिशत तथा शनिवार तक 40 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है. दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया.

किसका रखना है ख्याल?

– जिन लोगों को एलर्जी या अस्थमा की शिकायत है वह बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें.

– सुबह के समय प्रदूषण का स्तर आमतौर पर ज्यादा होता है, इसलिए मॉर्निंग वॉक से फिलहाल बचें.

– खानपान में लापरवाही न बरतें, ऐसा करने से आपको भीतरी समस्याएं हो सकती हैं.

प्रदूषण से बचाव के उपाय:

– प्रदूषण का स्तर खतरनाक से बेहद खतरनाक (350 से 450) की तरफ जाता दिखे तो कुछ समय के लिए जगह बदल लें.

– किसी ऐसी जगह पर जाएं, जहां प्रदूषण का स्तर कम हो.

– एन95 मास्क का करें इस्तेमाल.

– मुंह ढके रखने के लिए सामान्य मास्क और गीले रूमाल का भी कर सकते हैं इस्तेमाल

– गले में खराश महसूस होने पर गर्म पानी का भाप लें और गरारे करें.

– पानी के साथ-साथ अन्य लिक्विड जैसे, छाछ, शिकंजी, शर्बत आदि का भी सेवन करते रहें.

– अपने पास एक पल्स ऑक्सीमीटर रखें. अगर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है तो तुरंत डॉक्टरों से सलाह लें.

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