Home Isolation Guidelines in Hindi : होम आइसोलेशन में कब रहें, क्या करें और क्या नहीं, जानें विस्तार से

Jun 01, 2021
Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/

हाइलाइट्स:

  • कोरोना वायरस से संक्रमित हर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है
  • मामूली लक्षण हों तो मरीज को घर के ही सबसे हवादार कमरे में खुद को अलग कर लेना चाहिए
  • होम आइसोलेशन में मरीज को कुछ बातों का ख्याल रखना होगा ताकि कुछ बुरा नहीं हो जाए

नई दिल्ली
देश में कोरोना से हाहाकार मचा है। हर दिन नए कोविड केस का रेकॉर्ड बन रहा है। मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। दूसरी तरफ अस्पताल बेड और ऑक्सिजन की कमी से जूझ रहे हैं। वक्त पर समुचित इलाज नहीं मिल पाने के कारण मरीज दम तोड़ रहे हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब भी 81% मरीजों में महामारी के मामूली लक्षण हैं या कोई लक्षण ही नहीं है। ऐसे मरीज घर पर आसानी से ठीक हो सकते हैं। अगर वो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो उन्हें अस्पताल जाने की नौबत नहीं आएगी और घर पर रहकर महामारी से छुटकारा पाने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। तो आइए समझते हैं कि हर दिन रफ्तार पकड़ती महामारी के इस दौर में हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए...

आपको कोरोना हुआ है, ऐसे समझ लें
सूखी खांसी, सूखा गला, बुखार और जुकाम कोविड-19 महामारी के शुरुआती लक्षण हैं। कई मरीजों में सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति भी खत्म हो जाती है। उन्हें सरदर्द और बदन दर्द होता है और जबर्दस्त थकान होती है। इनके अलावा कुछ और भी लक्षण होते हैं, मसलन- सांस लेने में तकलीफ, शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा घटने लगना, सीने में दर्द और दबाव महसूस करते रहना, कमजोरी और चेहरे या फिर किसी अंग का सुन्न हो जाना आदि। अगर मामला गंभीर हो जाए तो इन लक्षणों की शुरुआत के करीब पांचवें दिन न्यूमोनिया हो जाता है। फिर 7वें से 12वें दिन तक उसमें ऑक्सिजन की भारी कमी होने लगती है, तब उसे आइसीयू में भर्ता करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए रखें।

 

जब कोविड के लक्षण दिखें तो क्या करें
अगर आपमें उपर्युक्त लक्षण हैं तो तुरंत खुद को अलग कर लें। ऐसा कमरे में खुद को बंद कर लें जिसमें हवा और रोशनी आने-जाने (वेंटिलेशन) की सबसे ज्यादा सुविधा हो। अगर उस कमरे से बाथरूम अटैच हो तो सोने पर सुहागा। सबसे महत्वपूर्ण बात कि जांच करवाने और रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करें। जब तक रिपोर्ट आएगी तब तक आप कई लोगों को बीमारी बांट चुके होंगे।

अगर आप जांच में पॉजिटिव पाए गए और होम आइसोलेशन में रहने की सलाह मिली है तो आपको समय-समय पर शरीर का तापमान और ऑक्सिजन लेवल मापते रहना होगा और जिले के निगरानी अधिकारी (DSO) को अपडेट कराते रहना होगा। तब डीएसओ आपकी सेहत के मुताबिक फैसला लेगा। आपको मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करना चाहिए। आप जहां भी हैं, वहां दूसरे व्यक्ति से कम-से-कम छह फीट की दूरी बनाए रखें। किसी को अपना बर्तन, कपड़ा, मोबाइल फोन आदि इस्तेमाल नहीं करने दें। अगर आपके ही कमरे में किसी और को भी रहने की मजबूरी है तो कमरे को खुला-खुला रखने की भरपूर कोशिश करें।

ऑक्सिजन लेवल नापते रहें
बाजार से पल्स ऑक्सिमीटर खरीद लें और खून में ऑक्सिजन की मात्रा नापते रहें। अगर आप लेट कर या बेड पर पड़े-पड़े ऑक्सिमीटर लगाते हैं तो संभव है कि ऑक्सिजन स्तर की सही रीडिंग नहीं आए। इसलिए, डॉक्टर कहते हैं कि ऑक्सिजन लेवल मापने के बाद छह मिनट तक टहलें और फिर से ऑक्सिमीटर लगाएं। फिर देखें कि पहले से छह या ज्यादा पॉइंट्स कम रीडिंग आए तो आपको इलाज की जरूरत है। आपको तापमान और ऑक्सिजन का माप हर घंटे लेना चाहिए।
 

 

होम क्वारेंटाइन से कब निकलें
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जिस दिन आपको पहली बार कोरोना के लक्षण दिखे, उसके 10 दिनों बाद आप स्वस्थ हो जाएंगे, बशर्ते पिछले तीन दिनों से बुखार नहीं आ रहा हो। यानी, अगर लक्षण दिखने के सातवें दिन से 10वें दिन तक बुखार नहीं आए तो समझ लीजिए कि आप महामारी से मुक्त हो चुके हैं। हालांकि, आपको फिर भी अगले सात दिनों तक सबसे अलग ही रहना चाहिए। अगर आपमें लक्षण नहीं भी दिख रहे हों तो पॉजिटिव पाए जाने के कम-से-कम 10 दिन बाद ही किसी से मिलें-जुलें।

कोविड से मुक्ति
होम आइसोलेशन से निकलने के बाद नियमित तौर पर व्यायाम (एक्सरसाइज) करें ताकि सांस लेने की क्षमता और शरीर की ताकत बढ़े। पर्याप्त आराम करें, पोषक आहार लेंगे तो तेजी से रिकवर कर पाएंगे। ध्यान रहे कि ठीक होने के बाद भी महीनों तक खांसी, गले में खरास, सरदर्द, डायरिया, भूख मिटने और सांस लेने में तकलीफ की समस्या बनी रह सकती है। ऐसा हो रहा है तो आपको सतर्क रहना पड़ेगा।

क्वारेंटाइन और आइसोलेशन में अंतर
आइसोलेशन का मतलब है कि कोविड महामारी से ग्रस्त लोगों को दूसरों से दूर रखा जाए। मरीज को अस्पताल या घर, कहीं पर भी आइसोलेट किया जा सकता है। वहीं, क्वारेंटाइन में किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को दूसरों से अलग कर दिया जाता है। उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में या फिर घर में ही अलग-थलग कर दिया जाता है और 14 दिनों बाद टेस्ट की जाती है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आए और महामारी का कोई लक्षण भी नहीं दिखे तो कोविड मरीज के संपर्क में आए उस व्यक्ति को छोड़ दिया जाता है।

 

 

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