श्रम विभाग नोएडा फर्जी यूनियन नेताओं को संरक्षण देकर श्रमिकों एवं मालिकों का शोषण करता है।

Mar 16, 2019

श्रम विभाग नोएडा फर्जी यूनियन नेताओं को संरक्षण देकर श्रमिकों एवं मालिकों का शोषण करता है।
इंटक के नोएडा के अध्यक्ष एस बी शुक्ला ने श्रमविभाग नोएडा के ऊपर गंभीर आरोप लगाये

 
इंटक के नोएडा के अध्यक्ष एस बी शुक्ला ने कहा है की नोएडा में इंटक का अध्यक्ष मै हूँ और महासचिव के के तिवारी हैं इसके अलावा इंटक के नाम से काम करने वाले सभी नेता फर्जी हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस सम्बन्ध में आदेश दिया है। लेकिन श्रम विभाग के अधिकारी फर्जी यूनियन से साँठगाँठ करके श्रमिकों का कोई भी भुगतान नहीं करवाना चाहते हैं तथा श्रमिकों को धक्के खाने पड़ रहे हैं। उनका कहना है की विभाग के अधिकारीयों ने हमारे कई मुकदमों में अभी तक कोई आदेश नहीं किया है जबकि आदेश सुरक्षित कर लिए हैं।

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शुक्ला ने आगे कहा की नोएडा में ओझा फर्जी नेता हैं तथा उनका इंटक से कोई लेना देना नहीं है वे सिर्फ श्रमविभाग की मिलीभगत से दलाली का काम कर रहे हैं और मजदूरों का शोषण खुले आम कर रहे हैं। नोएडा के उप श्रम आयुक्त पी के सिंह खुले आम पैसों की माँग करते हैं और फर्जी नेताओं की मिलीभगत से नोएडा के श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं। नोएडा में इस तरह की अराजकता पर यदि तुरन्त लगाम नहीं लगाई गयी तो श्रमिकों के अन्दर जो गुस्सा भरा हुआ है उसे आग बनने में देर नहीं लगेगी और पूरे गौतम बुद्ध नगर को इस आग का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस सम्बन्ध में जब उप श्रम आयुक्त पी के सिंह से जब बात की गयी तो उन्होंने इसका खण्डन किया तथा और बात करने से मना कर दिया। ।
अब अत्यंत सोचनीय विषय यह है की क्या शासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है ? या उसने अपनी आँखे बंद कर रखी हैं। योगी राज में जहाँ भ्रस्टाचार मुक्त प्रदेश के सपने देखे जा रहे हैं वहीँ इस तरह के अधिकारी क्या प्रदेश को भ्रस्टाचार मुक्त होने देंगे। मुख्यमंत्री को स्वतः इस मामले का संज्ञान लेते हुए तुरंत कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए अन्यथा जहाँ श्रमिकों का गुस्सा तो बढ़ ही रहा है वहीँ कारखाना एवं प्रतिष्ठान मालिक भी श्रमविभाग के इस रवैये से बहुत नाराज हैं। इसी का नतीजा है की जिले के जिलाधिकारी को स्वयं आगे आकर विभाग से जारी हो रही सभी आर. सी. जो की एक पक्षीय थी उनको वापस करना पड़ा तथा जनता की निगाह में श्रम विभाग की वजह से सरकार की किरकिरी हो रही है लेकिन दुःख की बात है की शासन अभी भीआँखे मूँदे है और सो रहा है।

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