श्रम मंत्रालय: सरकार का न्यूनतम वेतन तय करने में देरी का कोई इरादा नहीं

Jun 21, 2021
Source: https://www.amarujala.com/

श्रम मंत्रालय ने कहा है कि सरकार का न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में विलंब का कोई इरादा नहीं है। इस तरह कि खबरें आई थीं कि इस मुद्दे पर तीन साल के कार्यकाल वाले विशेषज्ञ समूह के गठन का मकसद न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करने में विलंब करना है। इन खबरों के बाद मंत्रालय ने शनिवार को यह स्पष्टीकरण दिया है।

केंद्र ने विशेषज्ञ समूह का गठन गठन 
इससे पहले इसी महीने मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्र ने इस मुद्दे पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अजित मिश्रा की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है। यह समूह न्यूनतम वेतन और मजदूरी तय करने के लिए तकनीकी जानकारी और सिफारिशें देगा। विशेषज्ञ समूह का कार्यकाल तीन साल का है।

जल्द सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा विशेषज्ञ समूह
मंत्रालय ने कहा कि, 'मीडिया के कुछ वर्गों में इस तरह की खबरें आई है कि अंशधारकों का मानना है कि यह सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी का प्रयास है।' मंत्रालय ने कहा, 'हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है। विशेषज्ञ समूह जल्द से जल्द सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा।'

दिल्ली में अप्रैल से बढ़ी न्यूनतम मजदूरी
मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। कोरोना महामारी और मंहगाई के दौरान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से उन्हें राहत मिलेगी। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान यह बड़ा कदम उठाया गया है। इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। इन्हें सामान्यत: केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने इन्हें महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन देने की घोषणा की है।

पंजाब कैबिनेट ने मंजूर कीं छठे वेतन आयोग की सिफारिशें
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई। ये सिफारिशें 1 जुलाई, 2021 से लागू कर दी जाएंगी। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी माना जाएगा। इस फैसले से सूबे के 5.4 लाख सरकारी कर्मचारियों और सेवामुक्त कर्मचारियों को लाभ होगा। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 6950 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह करने को भी मंजूरी दी गई है। 

 

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