UP: श्रमिकों और पटरी दुकानदारों का डाटा तैयार, करीब एक करोड़ को मिलेगा भरण-पोषण भत्ता का लाभ

May 21, 2021
Source: https://www.jagran.com/

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है। इसके लते दिहाड़ी पर काम करने वाले श्रमिकों, पटरी व फेरी दुकानदारों को जीवन यापन में कठिनाई हो रही है। इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों को एक हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता देने का फैसला किया है। इसी क्रम में श्रम विभाग और नगर विकास विभाग ने लाभार्थियों का डाटा एकत्रित करने का कार्य भी कर लिया है। एक करोड़ के करीब गरीबों और मजदूरों को भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा। श्रम विभाग में पंजीकृत 67.37 लाख निर्माण श्रमिकों को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले भरण-पोषण भत्ते का लाभ मिलेगा। वहीं, सरकार प्रदेश के आठ लाख से अधिक पटरी व फेरी दुकानदारों को भी भत्ता देगी।

कोरोना की विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार ने ठेला-खोमचा लगाने वाले पटरी दुकानदारों, पंजीकृत श्रमिकों के अतिरिक्त अन्य श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालक, कुली, पल्लेदार, नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि रोज कमाकर खाने वालों को प्रति परिवार एक माह के लिए 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता देने का फैसला किया है। यह योजना फिलहाल एक माह के लिए लागू की गई है। श्रम विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्लू) में वर्तमान में 98 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 67.37 लाख श्रमिकों का पंजीकरण नवीनीकृत है। इस लिहाज से वे भरण-पोषण भत्ता पाने के हकदार हैं।

पिछले साल से 47 लाख अधिक मजदूरों को मिलेगा लाभ : अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान घोषित लॉकडाउन में बोर्ड में पंजीकृत 20.37 लाख श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता मिला था। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 47 लाख अधिक निर्माण श्रमिकों को यह लाभ मिलेगा। निर्माण श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता देने पर 673.7 करोड़ रुपये खर्च होंगे। श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता लेबर सेस फंड से दिया जाएगा। लेबर सेस फंड में तकरीबन 5000 करोड़ रुपये की धनराशि जमा है।

बैंक खातों में सीधे भेजी जाएगा भत्ता : उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव अजय चौहान ने बताया कि बोर्ड ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता देने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। भरण पोषण भत्ते के तौर पर 1000 रुपये की धनराशि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधी भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड के पास सभी पंजीकृत श्रमिकों की बैंक खाता संख्या व आधार संख्या उपलब्ध है। भरण पोषण भत्ते की राशि श्रमिकों के खाते में भेजने की प्रक्रिया जल्दी शुरू की जाएगी। कोरोना महामारी को देखते हुए श्रम विभाग में श्रमिकों के पंजीकरण और उसके नवीनीकरण के लिए शुल्क भी माफ कर दिया गया है।

आठ लाख पटरी व फेरी दुकानदारों को मिलेंगे एक हजार रुपये : योगी सरकार प्रदेश के आठ लाख से अधिक पटरी व फेरी दुकानदारों को एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता देगी। नगर विकास विभाग ने पटरी व फेरी दुकानदारों का ब्यौरा राहत आयुक्त कार्यालय भेज दिया है। प्रदेश में 8.80 लाख पटरी दुकानदार हैं। इनमें से 8.11 लाख दुकानदारों ने नगरीय निकायों में अपना पंजीकरण करा रखा है। राहत आयुक्त कार्यालय ने इसके लिए विभागों से पात्रों का ब्यौरा मांगा है, इसी आधार पर सभी के बैंक खाते में धनराशि भेजी जाएगी। नगर विकास विभाग ने पटरी व फेरी दुकानदारों का ब्यौरा भेज दिया है।

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को लेबर सेस फंड से दिया जाएगा भत्ता : कोरोना संक्रमण से उपजी परिस्थितियों में पंजीकृत श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों को एक माह के लिए प्रति परिवार 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता देने के शासन के निर्णय के तहत यह धनराशि श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को भी दी जाएगी। जिन श्रमिकों का पंजीकरण नहीं है उन्हें भी पंजीकृत कर उनके बैंक खाते में यह धनराशि भेजी जाएगी। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को पिछले साल घोषित लाकडाउन के दौरान भी 1000 रुपये प्रति माह डीबीटी के माध्यम से देने के निर्देश दिए गए थे।

पिछले साल श्रम विभाग में पंजीकृत थे 20.37 लाख निर्माण श्रमिक : वर्ष 2020-21 में श्रम विभाग में पंजीकृत 20.37 लाख निर्माण श्रमिकों में से 5.97 लाख के बैंक खाते विभाग के पास उपलब्ध थे। ऐसे श्रमिकों के खाते में 1000 रुपये प्रति माह माध्यम से हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए थे। वहीं बचे हुए श्रमिकों के बैंक खातों का डेटाबेस श्रम विभाग को तैयार करने और उन्हें भी 1000 रुपये की सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। श्रमिकों को यह धनराशि लेबर सेस फंड से दी गई थी। सरकार ने तय किया है कि पिछले साल की भांति 2021-22 में भी पंजीकृत श्रमिकों के बैंक खातों में 1000 रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजा जाए।

 

आपकी राय !

हमारे राज्य में औद्योगिक मजदूरों के हित में क्या कानून है

मौसम