Black Fungus Attack: 90 फीसद लोगों में नहीं है ब्लैक फंगस की आशंका, जान‍िए क्‍या कहते हैं व‍िशेषज्ञ

May 21, 2021
Source: https://www.jagran.com/

लखनऊ, जेएनएन। ब्लैक फंगस को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। कोरोना संक्रमित 90 फीसद लोगों में इस परेशानी की आशंका नहीं है। संजय गांधी पीजीआइ के एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर एवं आइसीयू एक्सपर्ट प्रो. संदीप साहू के मुताबिक ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) को लेकर लोगों में काफी दहशत है। ब्लैक फंगस के जितने मामले आए हैं, उनमें से कोई ऐसा मामला नहीं है जो होम आइसोलेशन में कोरोना संक्रमण के हल्के मामले रहे हों। ऐसे 80 फीसद कोरोना संक्रमित लोग थे। 10 फीसद लोग जो होम आइसोलेशन में थे, या फिर आक्सीजन पर रहे है उनमें भी कोई मामला सामने नहीं आया है।

प्रो. संदीप बताते है कि जो लोग आक्सीजन और लो डोज स्टेरायड पर रहे हों उनमें भी इस तरह के मामले नहीं हुए। पूरे भारत में कुल एक हजार मामले ब्लैक फंगस के सामने आए। देखा जाए भर्ती होने वाले लाखों मरीजों में यह प्रतिशत 0.001 भी नहीं होगा। ब्लैक फंगस के केवल वही शिकार हुए जो गंभीर कोरोना संक्रमित थे। एक्यूट रेस्पिरेटरी ङ्क्षसड्रोम के कारण आइसीयू में भर्ती कर हाई डोज स्टेरायड दिया गया, शुगर नियंत्रित नहीं रहा। साथ ही वो कोरोना संक्रमित जिसमें वेंटिलेटर या एनवाई, बाईपैप थेरेपी की जरूरत पड़ी। इसके साथ ऐसे मरीज पहले से इम्यूसप्रेसिव दवा पर चल रहे थे, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर, आटो इम्यून डिजीज से ग्रस्त थे। इन लोगों में पहले से ही इम्यूनो सप्रेसिव दवाएं चलती हैं, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। 

आइसीयू में भर्ती के दौरान हाई डोज स्टेरायड देने से उनका इम्यून सिस्टम और कमजोर हो जाता है।

जरा सी आंख क्या लाल हुई हो गए परेशान : प्रो. संदीप बताते है कि जरा सी आंख लाल हुई, नाक बंद हुई या फिर सूजन दिखी तो लोग ब्लैक फंगस समझ कर परेशान हो रहे हैं। मेरे पास तमाम लोगों ने फोटो भेजी जो काफी डरे भी थे।

 

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