लखीमपुर खीरी हिंसा में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग पर फैसला आज

Dec 07, 2021
Source: https://www.jagran.com

Lakhimpur Kheri Violence Case लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान सहित एक पत्रकार व तीन अन्य की मौत के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की गई।

लखीमपुर खीरी, जेएनएन। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्टूबर की हिंसा के मामले में आज सीजेएम कोर्ट केन्द्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के खिलाफ केस दर्ज कराने को लेकर दाखिल याचिका पर अपना निर्णय देगा। इस मामले में छह दिसंबर की शाम को फैसला आना था, लेकिन एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है। लखीमपुर खीरी केहिंसा कांड से जुड़े लोगों की निगाह इस केस में आज के फैसले पर लगी है।

लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान सहित एक पत्रकार व तीन अन्य की मौत के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की गई है। लखीमपुर खीरी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू को इस केस में मुख्य आरोपित बनाया गया है। इस केस में मोनू के साथ 12 लोग जेल में बंद हैं।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्टूबर की हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन के भाई ने याचिका दाखिल कर केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ भी केस दर्ज कराने की मांग की है। रमन के भाई ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री समेत 14 लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है। उनकी मांग पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। मामले का यह अहम फैसला कोर्ट मंगलवार को सुनाएगा।

लखीमपुर खीरी की हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई ने हत्या का आरोप लगाते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, उनके पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत 14 लोगो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस पर एक दिसम्बर बुधवार को सुनवाई की तिथि नियत की गई थी। इसमें वादी के अधिवक्ता ने एक दिसंबर को सीजेएम कोर्ट में अर्जी पर बहस करते हुए मुकदमा दर्ज कराने का आदेश पारित करने की याचना की थी।

इस पर सीजेएम चिंताराम ने वादी के अधिवक्ता की बहस सुनकर आदेश के लिए छह दिसंबर सोमवार की तिथि नियत की थी लेकिन सोमवार को देर शाम तक फैसला नही आया। इसके बाद सीजेएम ने मामले में फैसले के लिए सात दिसंबर मंगलवार की तिथि नियत की है। 

आपकी राय !

uniform civil code से कैसे होगा बीजेपी का फायदा ?

मौसम