Model Tenancy Act: दो महीने किराया नहीं दिया तो घर खाली करने के लिए रहें तैयार, जानिए किराया कानून के बारे में और बातें

Aug 14, 2021
Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/
  • कैबिनेट (cabinet) ने मॉडल टेनंसी एक्ट (Model Tenancy Act) के मसौदे को मंजूरी दे दी है।
  • मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे मकसद से आने के लिए लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा।
  • अगर किरायेदार दो महीने तक मकानमालिक को किराया नहीं देता तो उससे घर/जगह खाली कराई जा सकती है।

नई दिल्ली
मोदी कैबिनेट (cabinet) ने मॉडल टेनंसी एक्ट (Model Tenancy Act) के मसौदे को मंजूरी दे दी है। आदर्श किराया कानून या मॉडल टेनंसी एक्ट (model tenancy act) का मसौदा अब राज्यों (states) एवं केंद्र शासित प्रदेशों (union territories) को भेजा जायेगा। इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून (tenancy act) में जरूरी संशोधन करके लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) की बैठक में इस मसौदे को मंजूरी दी गई है।

आदर्श किराया कानून का उद्देश्य
केंद्र सरकार के आदर्श किराया कानून या टेनंसी एक्ट (Model Tenancy Act) के हिसाब से मकान मालिक (Landlord) और किराएदारों के बीच मतभेद को कम किया जा सकेगा। मोदी सरकार ने कहा है कि आदर्श किराया कानून के बाद बहुत से खाली घर किराये पर चढ़ाए जा सकेंगे, घरों की कमी दूर होगी और प्राइवेट प्लेयर्स को बिजनेस भी मिलेगा। Model Tenancy Act में कहा गया है कि अगर किरायेदार दो महीने तक मकानमालिक को किराया नहीं देता तो उससे घर/जगह खाली कराई जा सकती है।

किरायेदार को सुविधा
Model Tenancy Act के तहत मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे मकसद से आने के लिए 24 घंटों का लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा। रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किरायेदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो।
 

  1. सिक्योरिटी डिपाजिट में कितनी रकम?
    किराये पर घर लेने के मामले में सिक्युरिटी डिपॉजिट पर अक्सर विवाद होता है। नए मॉडल टेनंसी एक्ट (model tenancy act) में साफ कहा गया है कि रेसिडेंशियल बिल्डिंग के लिए सिक्युरिटी अधिकतम 2 महीने का किराया हो सकता है, जबकि नॉन रेसिडेंशियल जगहों के लिए अधिकतम 6 महीने का किराया।
  2. जगह खाली कराने का क्या है प्रावधान?
    घर या दुकान को खाली कराने के बारे में model tenancy act में कहा गया है कि अगर मकान मालिक ने रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) की सभी शर्त को पूरा किया है, फिर भी किराएदार जगह खाली नहीं करता है तो मकान मालिक दो महीने के लिए किराया डबल कर सकता है। फिर भी खाली नहीं करने पर किराया दो महीने बाद चार गुना कर सकता है। मकानमालिक की शर्त में जगह खाली करने से पहले नोटिस देना शामिल है। मकान मालिक किराए वाले मकान या दुकान को खाली कराने के लिए नोटिस दे सकते हैं। इसके बाद एक दिन पहले लिखित में या मैसेज/मेल आदि के माध्यम से बताएं।
  3. किराया कानून से क्या फायदा है?
    केंद्र सरकार का मानना है कि मॉडल टेनंसी एक्ट (Model Tenancy Act) से मकानमालिक और किरायदारों के बीच विवाद में कमी आएगी। अभी विवाद की आंशका के चलते कई मकानमालिक घर खाली होने के बाद भी किराए पर देने से कतराते हैं।
  4. किरायेदार को क्या फायदा है?
    कोई किसी की प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकता। मकान मालिक भी किरायेदार को परेशान कर घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। इसके लिए जरूरी प्रावधान बनाए गए हैं। घर खाली कराना है तो मकान मालिक को पहले नोटिस देना होगा। किरायेदार को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिस रेंट की प्रॉपर्टी पर वह रहता है, उसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसकी है।
  5. विवाद का निपटारा कहां होगा?
    मकानमालिक और किरायेदार के विवाद का निबटारा रेंट अथॉरिटी में होगा। रेंट अथॉरिटी (Rent Authority) बनने के बाद मकान मालिक और किरायेदार अथॉरिटी के सामने पेश होकर रेंट एग्रीमेंट करेंगे। दोनों पक्षों को एग्रीमेंट होने की तारीख से दो महीने के अंदर रेंट एथॉरिटी को सूचना देनी होगी। रेंट अथॉरिटी मकान मालिक और किरायेदार के बीच के संबंधों को स्पष्ट करेगी।

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