नासा ने दी खुशखबरी, ओजोन छिद्र में इस साल रिकॉर्ड गिरावट
नासा ने दी खुशखबरी, ओजोन छिद्र में इस साल रिकॉर्ड गिरावट
अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन गैस की परत के छिद्र में इस साल रिकॉर्ड गिरावट हुई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अनुसार, 1982 के बाद से पहली बार ओजोन परत का छिद्र इतना सिकुड़ा है। गत आठ सिंतबर को इसका आकार 1.64 करोड़ वर्ग किलोमीटर के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन अक्टूबर में यह घटकर एक करोड़ वर्ग किलोमीटर रह गया। वैज्ञानिकों का हालांकि कहना है कि यह खबर अच्छी तो है, लेकिन इसके सिकुड़ने की वजह चिंतित करने वाली है।
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में अर्थ साइंसेंज विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक पॉल न्यूमैन ने कहा, ह्यओजोन छिद्र सिकुड़ा है, लेकिन यह इस बात का संकेत नहीं है कि ओजोन परत की स्थिति दुरुस्त हो गई है। वायुमंडल की दूसरी सबसे बड़ी परत स्ट्रेटोस्फेयर में सामान्य से अधिक तापमान बढ़ने के चलते ऐसा हुआ है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। ओजोन गैस की परत पृथ्वी की सतह के ऊपर 11 से 40 किलोमीटर के बीच फैली हुई है। यह परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है, जो कई तरह के रोगों का कारण बन सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, चालीस वर्षो में तीसरी बार तापमान बढ़ने के चलते ओजोन परत में बन रहे छिद्र का आकार घटा है। इससे पहले 1988 और 2002 में भी ऐसा देखने को मिला था। लेकिन इन दोनों के बीच संबंध का अभी पता नहीं लग पाया है।
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