फ्लाइट और एयरपोर्ट पर सुनाई देगा भारतीय म्यूजिक! उड्डयन मंत्रालय ने कहा- विचार करें एयरलाइन कंपनियां

Dec 29, 2021
Source: https://www.jagran.com

भारतीय फ्लाइट या फिर एयरपोर्ट पर आपको जल्द ही इंडियन म्यूजिक सुनाई दे सकता है। दरअसल नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को चिट्ठी लिखकर विचार करने को भी कहा है।

नई दिल्ली, एएनआइ। हवाई यात्रा करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही आपको फ्लाइट या फिर एयरपोर्ट पर भारतीय म्यूजिक सुनाई दे सकता है। देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयरलाइन कंपनियों को फ्लाइट के साथ-साथ एयरपोर्ट पर भारतीय संगीत बजाने की सलाह दी है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) की ओर से ज्ञापन सौंपे जाने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ने इसकी सलाह दी है।

मंत्रालय ने लिखी चिट्ठी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव उषा पाधी ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) को लिखे एक पत्र में कहा, 'दुनियाभर में अधिकांश एयरलाइनों में उस देश का सर्वोत्कृष्ट संगीत बजता है। उदाहरण के लिए- अमेरिकी एयरलाइन में जैज या ऑस्ट्रियन एयरलाइन में मोजार्ट और मध्य पूर्व की एयरलाइन में अरब संगीत बजता है, लेकिन भारतीय एयरलाइंस में शायद ही कभी संगीत बजता है। जबकि, हमारे संगीत की एक समृद्ध विरासत और संस्कृति है जिस पर हर भारतीय के पास वास्तव में गर्व करने का एक कारण है। केंद्रीय विमानन मंत्रालय को भारत में और हवाई अड्डों पर भी संचालित होने वाले विमानों में भारतीय संगीत बजाने के लिए आइसीसीआर से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है। इसलिए अनुरोध किया जाता है कि ऐसा करने पर विचार करें'

आईसीसीआर ने किया था आग्रह

इससे पहले 23 दिसंबर को आईसीसीआर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से भारतीय एयरलाइंस में भारतीय संगीत को बढ़ावा देने का आग्रह किया था। दरअसल, आईसीसीआर ने देश के प्रख्यात कलाकारों और संगीतकारों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें इसको लेकर सुझाव मिले थे।

आईसीसीआर ने उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने कार्यक्रम में बुलाया और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में कहा गया कि अगर इंडियन एयरलाइंस में ऐसा होता है, तो भारतीय संगीत को बहुत मजबूती मिलेगी।

क्या बोले सिंधिया?

ज्ञापन मिलने के बाद सिंधिया ने कहा, 'मैं ग्वालियर की उस संगीत नगरी से आता हूं जो तानसेन का शहर रहा है और संगीत का एक पुराना घर भी रहा है। भारतीय प्राचीन संगीत का कई वर्षों का इतिहास है और लोगों में प्राचीन संगीत को लेकर भी बहुत उत्सुकता है।

 

 

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