Facebook twitter wp Email affiliates 'सुपर 30' ने लिखी 'आपरेशन गंगा' की सफलता की कहानी, बुडापेस्ट में कंट्रोल रूम, जानें कैसे संचालित हो रहा निकासी अभियान

Mar 07, 2022
Source: https://www.jagran.com

यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए आपरेशन गंगा अब निर्णायक मोड़ पर है। इस अभियान के संचालन के लिए हंगरी स्थिति भारतीय दूतावास ने बुडापेस्ट में अपना कंट्रोल रूम स्‍थापित किया है। जानें कैसे काम कर रहा है यह कंट्रोल रूम...

बुडापेस्ट, एएनआइ। युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके लिए हंगरी स्थिति भारतीय दूतावास ने बुडापेस्ट में एक कंट्रोल रूम बनाया है। इसकी कमान भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) के 30 युवा अधिकारियों के हाथों में है। बुडापेस्ट में होटल के एक छोटे कमरे में स्थापित इस कंट्रोल रूम से आइएफएस अफसर लगभग 150 से ज्यादा स्वयंसेवक और टेक्निकल टीम के साथ दिन रात काम कर रहे हैं। युवा अधिकारियों में कई ऐसे हैं जिन्हें दूसरे देशों में स्थित भारतीय दूतावासों से बुलाया गया है।

संगठित ढांचा तैयार

ऐसे ही एक अधिकारी हैं राजीव बोडवाडे, जो इजरायल में भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ हैं। बुडापेस्ट में एएनआइ से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जब हमने काम शुरू किया था तब हमारे साथ कुछ ही छात्र जुड़े थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गई और एक संगठित ढांचा तैयार हो गया। हम 150 से अधिक स्वयंसेवकों को साथ लाने में कामयाब रहे लेकिन एक संयुक्त प्रयास की जरूरत थी।'

स्‍थापित किया कमांड सेंटर

बोडवाडे ने कहा, 'इसके लिए हमने एक कमांड सेंटर स्थापित किया। सीमा पर हमारी टीम हमें बताती है कि कितने लोग पार गए और कितने लोग वहां से शहर के लिए चल दिए। इसके आधार पर हम कमांड सेंटर में आगे की रणनीति बनाते हैं।'

सुविधा के लिए चार अलग-अलग कार्यक्षेत्र

बोडवाडे ने बताया कि निकासी अभियान की सुविधा के लिए चार टीमें बनाकर उन्हें अलग-अलग काम की जिम्मेदारी सौंपी गई। एक टीम सीमा पर अलग-अलग साधनों से पहुंचने वाले लोगों पर नजर रखती है और उन्हें शहर भेजती है। दूसरी टीम शहर में लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था करती है। इसके लिए 40 स्थानों का चयन किया गया है।

इस तरह टीमें हैं तैनात

तीसरी टीम लोगों के लिए दिन में तीन वक्त के भोजन की व्यवस्था करती है जो आसान नहीं है। पिछले कुछ दिनों में हजार से ज्यादा लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। चौथी टीम एयरपोर्ट पर तैनात है। वह कमांड सेंटर को बताती है कि वहां कितने विमान उपलब्ध हैं और कितने लोगों को और कब स्वदेश भेजा जा सकता है।

कमांड सेंटर में कोर टीम के चार सदस्य

निकासी अभियान का काम देख रही 30 अफसरों की कोर टीम में पूर्व राजदूत कुमार तुहिन भी शामिल हैं, जिन्हें आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी के रूप में तैनात किया गया है। कमांड सेंटर में इस कोर टीम के छह सदस्य हैं। इसके अलावा स्वयंसेवकों की टीम का नेतृत्व करने के लिए 10-15 सदस्यों को लगाया गया है।

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