President Election 2022: द्रौपदी मुर्मू Vs यशवंत सिन्हा, जानें- क्या है राष्ट्रपति चुनाव में मतों का गणित, किसका पलड़ा है भारी?

Jun 22, 2022
Source: https://www.jagran.com/

नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) के लिए आखिरकार सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपना-अपना उम्मीदवार घोषित कर दिए। एनडीए के केंद्रीय नेतृत्व ने मंगलवार को झारखंड की पूर्व राज्यपाल और ओडिशा की पूर्व मंत्री द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को आगामी राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए एनडीए के उम्मीदवार के रूप में चुना है, तो वहीं विपक्ष ने पूर्व भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री, यशवंत सिन्हा (Yaswant Sinha) को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों में समानता ये है कि दोनों ही झारखंड से ताल्लुक रखते हैं और दोनों ही नामों की पहले से कोई चर्चा नहीं थी। अब देखना ये है कि 21 जुलाई को रायसीना हिल्स का रास्ता किसके लिए खुलता है-द्रौपदी मुर्मू के लिए या फिर यशवंत सिन्हा के लिए। आइए जानते है राष्ट्रपति चुनाव में क्या है मतों का गणित? विपक्ष की क्या है स्थिति? एनडीए का क्या है समीकरण?

यह है राष्ट्रपति चुनाव में मतों का गणित

- राष्ट्रपति चुनाव में विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य करते हैं मतदान

- चुनाव में कुल 4,809 सांसद व विधायक वोटिंग करेंगे। इनमें 776 सांसद (लोकसभा व राज्यसभा के चुने गए सदस्य) और 4,033 विधायक होंगे

- सांसदों और विधायकों के वोट का मूल्य अलग होता है। मतदाता द्वारा एक ही वोट में कई प्रत्याशियों को प्राथमिकता तय की जाती है

- 5,43,200 है सांसदों के कुल वोट का मूल्य, एक मत का मूल्य 700 है

- सभी विधायकों के मतों के मूल्य को कुल सांसदों की संख्या से भाग देकर एक संसद सदस्य के वोट का मूल्य तय होता है

- 5,43,231 है विधायकों के कुल मतों का मूल्य

- 208 है उत्तर प्रदेश के एक विधायक के मत का मूल्य, जो राज्यों में सर्वाधिक है

- 7 है सिक्किम के एक विधायक के मत का मूल्य, यह सबसे कम मत मूल्य है

विपक्ष की स्थिति

-कांग्रेस की अगुआई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पास लगभग 2,59,800 मत हैं। इसमें कांग्रेस के पास सर्वाधिक लगभग 1,45,000 मत हैं।

- गैर संप्रग विपक्षी दलों की बात करें तो उनके पास लगभग 2,92,800 मत हैं। संयुक्त रूप से विपक्षी दलों के पास 5,52,000 से अधिक मत हैं।

- हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के कारण दलों के मतों की संख्या में थोड़ा बदलाव हो सकता है, लेकि

यह है समीकरण

- भाजपा की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास कुल 10.86 लाख मतों के पचास प्रतिशत से थोड़ा कम 5,26,420 मत हैं।

- ऐसे में राजग को किसी दल का समर्थन लेना पड़ेगा। जिसमें वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल हैं।

- बीते दिनों वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन और बीजद के प्रमुख नवीन पटनायक दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से भेंट कर चुके हैं।

न यह इतना नहीं होगा कि चुनाव को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सके।

- दोनों दलों ने वर्ष 2017 में राजग के प्रत्याशी राम नाथ कोविन्द को समर्थन दिया था।

- राजग को राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए लगभग 13,000 वोट की कमी है। बीजद के पास 31 हजार से अधिक मत हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस के पास 43,000 से ज्यादा मत हैं। स्वाभाविक है कि इनमें से किसी एक का भी समर्थन राजग के लिए पर्याप्त होगा।

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