दिव्यांग बच्चों के लिए सरकार खोलने जा रही अर्ली इंटरवेंशन सेंटर्स, इलाज से लेकर शिक्षा तक मिलेंगी सभी सुविधाएं
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नई दिल्ली, एएनआइ। कुछ बच्चों में देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। ऐसे विशेष बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने सात राष्ट्रीय संस्थानों और सात समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में अर्ली इंटरवेंशन सेंटर खोले हैं, जिनका गुरुवार को केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा उद्घाटन किया जाएगा। इन सेंटर्स पर दिव्यांग बच्चों का इलाज किया जाएगा।
बता दें कि कुछ बच्चों में जन्म के बाद बोलने, सुनने, चलने समेत कई तरह के मानसिक विकास जैसा होना चाहिए, वैसा नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चे तीन से 10 फीसद ही होते हैं। कुछ नवजात बच्चों में चिकित्सीय जांच के बाद ही इसका पता चल जाता है लेकिन ज्यादातर में माता-पिता को बच्चों की उम्र बढ़ने के बाद ही इस स्थिति की जानकारी हो पाती है। ऐसे में प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों में बच्चों के इलाज में काफी खर्च आता है और हर कोई इलाज एवं प्रशिक्षण का खर्च वहन नहीं कर पाता है।
ऐसे में केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में 14 क्रॉस-डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर खोले हैं, जो सात राष्ट्रीय संस्थानों और सात समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में स्थित हैं। केंद्रीय मंत्री आज 11 बजे इनका उद्घाटन करेंगे।
वर्तमान में दिव्यांग बच्चों (0-6 वर्ष) या जिन बच्चों में विकास देरी से होता है, उनकी पुनर्वास देखभाल और इलाज के लिए डीईपीडब्ल्यूडी (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) ने पायलट आधार पर 14 क्रॉस डिसेबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर स्थापित करने की पहल की है। पहले चरण में दिल्ली, मुंबई, देहरादून, सिकंदराबाद, कोलकाता, कटक और चेन्नई में सात राष्ट्रीय संस्थानों और सुंदरनगर, लखनऊ, भोपाल, राजनांदगांव, पटना, नेल्लोर और कोझीकोड में सात समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में सेंटर्स खोले जा रहे हैं।
ये 14 क्रॉस डिसेबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर दिव्यांग बच्चों के लिए चिकित्सीय, पुनर्वास देखभाल सेवाओं और प्री-स्कूल प्रशिक्षण (0-6 वर्ष) के लिए निकटवर्ती सुविधाएं प्रदान करेंगे, जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत शामिल सभी प्रकार की अक्षमताएं शामिल हैं।