आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव की तैयारी, गृह मंत्री अमित शाह ने संसदों को पत्र लिखकर की यह अपील

Jan 07, 2022
Source: https://www.jagran.com

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद सदस्यों को पत्र लिखकर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधनों पर जल्द से जल्द उनके सुझाव आमंत्रित किए हैं। जानें गृह मंत्री ने क्‍या कहा...

नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार देश के आपराधिक कानूनों के ढांचे में व्यापक बदलाव की तैयारी कर रही है। इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद सदस्यों को पत्र लिखकर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी), अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधनों पर जल्द से जल्द उनके सुझाव आमंत्रित किए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक संसद सदस्यों को लिखे पत्र में शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र के साथ संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के अनुरूप देश के सभी नागरिकों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर पर कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए।

 

गृह मंत्री ने लिखा है, 'भारतीय लोकतंत्र का सात दशक का अनुभव हमारे आपराधिक कानूनों की व्यापक समीक्षा की मांग करता है, खास तौर पर भारतीय दंड संहिता, 1860, अपराध प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872। इन्हें समसामयिक जरूरतों और हमारे लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप ढालने की जरूरत है।' उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की मंशा जन-केंद्रित कानूनी ढांचा बनाना है।

शाह ने देश के प्रधान न्यायाधीश, हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों, बार काउंसिलों और विधि विश्वविद्यालयों से भी अपने सुझाव भेजने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार द्वारा आपराधिक न्याय व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने की कोशिश वास्तव में जनभागीदारी की असाधारण कवायद होगी जो सभी पक्षों की भागीदारी से ही सफल हो सकती है।'

शाह ने कहा, 'गृह मंत्रालय का इरादा विभिन्न पक्षकारों से सुझाव प्राप्त करने के बाद ही आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव करने का है।' लोकतंत्र के तीन स्तंभों में से एक संसद की महत्ता पर जोर देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि कानून बनाने की प्रक्रिया में संसद सदस्यों की अहम भूमिका है। आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधनों की इस कवायद में संसद सदस्यों के सुझाव अमूल्य होंगे।

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