दिल्ली मेट्रो में सफर करते हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर, वरना होंगे परेशान

Dec 29, 2021
Source: https://www.jagran.com

दिल्ली मेट्रो के कोच में खड़े होकर यात्रा करने की भी अनुमति नहीं मिली है ऐसे में लोग सिर्फ बैठकर ही यात्रा कर रहे हैं। वहीं सभी मेट्रो स्टेशनों पर औसतन दो गेट ही खुले हैं। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ रही है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान (ग्रेप) लागू हो गया है। इससे अब फिर पहले की तरह यात्री बुधवार सुबह से ही एक सीट छोड़कर ही बैठ रहे हैं। यह नजारा बुधवार सुबह से ही देखने को मिल रहा है। बता दें कि दिल्ली मेट्रो के कोच में खड़े होकर यात्रा करने की भी अनुमति नहीं मिली है, ऐसे में लोग सिर्फ बैठकर ही यात्रा कर रहे हैं। वहीं, सभी मेट्रो स्टेशनों पर औसतन दो गेट ही खुले हैं। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ रही है

एक कोच में सिर्फ 25 यात्री कर पा रहे सफर

मेट्रो के कोच में करीब 50 यात्रियों के बैठने के लिए सीट होती है, यानी आठ कोच की मेट्रो में 400 यात्री सीट पर बैठकर यात्र कर सकते हैं। चूंकि अब 50 फीसद क्षमता के साथ मेट्रो चल रही है, ऐसे में  आठ कोच में 200 और छह कोच में 150 यात्री सफर कर पा रहे हैं। वैसे खड़े होने के लिए जगह अधिक होती है। इसलिए करीब 350 यात्रियों के सफर करने की क्षमता होती है। इस लिहाज से मेट्रो का परिचालन करीब पांच प्रतिशत क्षमता से ही हो रहा है।

मंगलवार को मेट्रो में खड़े होकर भी यात्रियों ने किया सफर

ग्रेप का निर्देश मंगलवार से लागू हो गया है, लेकिन मेट्रो में शाम को भी यात्रियों ने खड़े होकर सफर किया। इससे पहले दिन मेट्रो में ग्रेप के नियमों का पालन नहीं हुआ। बुधवार से इसका पालन शुरू हो गया है।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के जनसंपर्क कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने मंगलवार को ही बता दिया था कि बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन होगा। इसके मद्देनजर दिशा-निर्देश का पालन करने के लिए मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश को नियंत्रित किया जाएगा।

बता दें कि दूसरी लहर के दौरान मेट्रो का परिचालन बंद हो गया था। सात जून को मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ। तब बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया था। इस वजह से स्टेशनों पर एक या दो गेट खुले होने से यात्रियों को परेशानी हो रही थी। 22 नवंबर से 100 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रत्येक कोच में 30 यात्रियों के खड़े होकर सफर की स्वीकृति दी गई थी। उस दिन से सभी गेट खोल दिए गए थे।

 

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