दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के लिए बुरी खबर, ओमिक्रोन के 2 नए सब वेरिएंट से बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
Source: https://www.jagran.com/
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना के ओमिक्रोन वायरस के दो नए सब वेरिएंट पाए गए हैं। दिल्ली सरकार के यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) द्वारा किए गए जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है, इसलिए राजधानी दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बढ़ना सामान्य नहीं है, बल्कि ओमिक्रोन के बीए.2.38 व बीए.2.37 सब वैरिएंट के कारण संक्रमण बढ़ा है।
यह वायरस ओमिक्रोन के पुराने वैरिएंट से चार गुना अधिक संक्रामक है। हालांकि, पुराने ओमिक्रोन वायरस की तरह ज्यादातर मरीजों को बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं हो रही है। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन जरूरी है। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए लोग सतर्कता डोज लगवा सकते हैं।
आइएलबीएस के वाइस चांसलर डा. एसके सरीन ने कहा कि वायरस में बार-बार म्युटेशन हो रहा है। इस वजह से कोरोना लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है। मौजूदा समय में जो मामले बढ़ रहे हैं उसमें नए-नए वैरिएंट का संक्रमण देखा जा रहा है। इस वजह से नए संक्रमण के रूप में बीमारी सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले ओमिक्रोन के बीए.2 सब वैरिएंट का संक्रमण अधिक देखा जा रहा था।
अभी जीनोम सिक्वेंसिंग में ज्यादातर सैंपल में बीए.2.38 और बीए.2.37 का संक्रमण पाया गया है। यह भी ओमिक्रोन का ही सब वेरिएंट हैं लेकिन वायरस का स्वरूप थोड़ा बदल गया है। इसलिए पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक बन गया है। राहत की बात यह है कि ज्यादातर मरीजों को हल्की बीमारी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना की तीसरी लहर में पहले ओमिक्रोन बीए.1 का संक्रमण शुरू हुआ था। बाद में बीए.2 वैरिएंट के कारण संक्रमण अधिक बढ़ गया था। कोरोना वायरस के जीनोम से जुड़े डाक्टर बताते हैं कि दिल्ली में बीए.4 व बीए.5 सब वेरिएंट के मामले नहीं देखे गए हैं।
डा. एसके सरीन ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के बाद जल्द ही स्कूल खुलने वाले हैं। चिंता की बात यह है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी कोरोना का टीका नहीं लगा है। इसलिए उन्हें संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है। बच्चे यदि संक्रमित होंगे तो दूसरे लोगों को भी संक्रमित करेंगे। इसलिए 12 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने पर भी विचार करना चाहिए।
डा. एसके सरीन ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना के टीके की दूसरी डोज लेने के नौ माह बाद सतर्कता डोज देने का प्रविधान है। इसे घटाकर छह करना चाहिए, क्योंकि छह माह बाद इम्युनिटी कम हो जाती है।