Cloudburst: वैज्ञानिकों ने बताई अमरनाथ में बादल फटने की वजह, कहा- अभी और होंगी ऐसी घटनाएं

Jul 14, 2022
Source: https://www.jagran.com/

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Cloudburst: अमरनाथ में बादल फटने की घटना ने एक बार फिर मौसम वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम लोगों को भी चौंका दिया है। इस घटना से मौसम वैज्ञानिक और अन्य लोग चिंतित है। वैज्ञानिक इस घटना को ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा बता रहे हैं तो कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं और अधिक होंगी। इससे राज्यों को अलर्ट रहने की जरूरत है।

आइआइटीएम पुणे के जलवायु विशेषज्ञ राक्सी मैथ्यू काल का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियल झीलों से पानी के अधिक तीव्रता से वाष्पीकरण के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने की घटनाओं की आवृत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके अलावा वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ हवाएं पहले के मुकाबले ज्यादा नमी पकड़ रही हैं, लिहाजा यह बढ़ी हुई नमी कम समय में बहुत तेज बारिश की मात्रा को बढ़ा रही है। 

वैज्ञानिक प्रमाण पहले ही इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि आने वाले समय में अत्यधिक बरसात और भी ज्यादा तीव्र होगी और उसकी आवृत्ति भी बढ़ जाएगी। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बादल फटने की और ज्यादा घटनाएं हो सकती हैं और उनकी तीव्रता भी पहले से ज्यादा होने के प्रबल आसार हैं।

आगे के लिए पूर्वानुमान

कश्मीर क्षेत्र में और अधिक लगातार बरसात के लिए मौसम की स्थितियां अनुकूल बनी रहती हैं। मानसून का पश्चिमी छोर उत्तरी इलाकों में हिमालय की तलहटी की तरफ बढ़ रहा है। इसकी वजह से उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

ऐसे में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। जलवायु परिवर्तन की वजह से बादल फटने की घटनाएं और भी तीव्र तथा बार-बार घटित होने की आशंका है। एक शोध के मुताबिक मानसूनी घटनाओं के विश्लेषण से जाहिर होता है कि भारतीय क्षेत्र में गरज-चमक के साथ बारिश होने के दिनों की संख्या (1950-1980 की अपेक्षा 1981-2010) में 34 प्रतिशत की गिरावट आई है।

वहीं, 1969-2015 की अवधि में (हाई कान्फिडेंस) भारत के पश्चिमी तट व पश्चिमी हिमालय की तलहटी वाले इलाकों में कम समय में होने वाली अधिक तीव्र बरसात की घटनाओं (कम अवधि में बादल फटना और मिनी क्लाउडबर्स्ट) में बढ़ोत्तरी हुई है।

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