आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ दिल्ली के व्यापारी का करोड़ों रुपये
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पश्चिम विहार इलाके में रहने वाले कारोबारी के बिटक्वाइन बिना उनकी जानकारी के वर्ष 2019 में ट्रांसफर किए गए। उस समय इनकी कीमत लगभग 30 लाख रुपये थी। मौजूदा समय में इसकी कीमत साढ़े चार करोड़ रुपये से अधिक है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पश्चिम विहार इलाके में रहने वाले कारोबारी के बिटक्वाइन बिना उनकी जानकारी के वर्ष 2019 में ट्रांसफर किए गए। उस समय इनकी कीमत लगभग 30 लाख रुपये थी। मौजूदा समय में इसकी कीमत साढ़े चार करोड़ रुपये से अधिक है। दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि फलस्तीनी आतंकी संगठन हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (हमास), टेरर फंडिंग करने वाले अन्य संगठन और इजिप्ट के रहने वाले दो अन्य लोगों के खाते में भी ट्रांसफर हुए।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मामला पश्चिम विहार थाने से स्पेशल सेल में ट्रांसफर किया गया। जांच में सेल को पता चला की क्रिप्टो करेंसी अलकसम ब्रिगेट के वालेट में गई है, जो फलस्तीन के संगठन हमास से संबंधित है। ऐसे एक वालेट को इजरायल ने फ्रीज किया। यह वालेट मुहम्मद नसीर इब्राहिम अब्दुल्ला के नाम पर है। ऐसा ही एक वालेट अहमद मरजुक और एक अन्य वालेट फलस्तीन के रहने वाले अहमद यू एच के नाम पर है। यह पता चला है कि बिटक्वाइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी फर्जी तरीके से वहां पर भेजी गई हैं। इसे लेकर आगे छानबीन की जा रही है।
आतंकी गतिविधियों में हुआ इस्तेमाल: पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में अब तक छह संदिग्धों की पहचान की गई है। इन सभी के वालेट में करेंसी ट्रांसफर की गई थी। यह भी पता चला है कि उक्त करेंसी को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के अलावा जुआ खेलने वाली वेबसाइट के वालेट में भी भेजा गया था। मामले में दिल्ली पुलिस फिलहाल इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क कर मामले में आगे की जांच कर रही है।
पीडि़त का मोबाइल किया गया था हैक : जांच से पता चला कि पीडि़त का मोबाइल हैक कर करेंसी को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया गया था। गत वर्ष जुलाई में इजरायल के रक्षा मंत्रालय के नेशनल ब्यूरो फार काउंटर टेरर फाइनेंसिंग ने हमास से जुड़े कई डिजिटल वालेट फ्रीज किए थे। इसे भारत समेत कई देशों के साथ साझा किया गया था।