एक देश, एक लोकपालः ग्राहकों की शिकायतों का जल्द होगा निपटारा, RBI जून 2021 तक ला सकता है ई-इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम
Source: financialexpress.com
One nation one ombudsman: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उपभोक्ताओं के शिकायतों के निपटारे के लिए देशभर में एक सिंगल सिस्टम पर लाने की तैयारी में है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एक लोकपाल के अंतर्गत उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान को लाने का एलान किया. मौजूदा समय में शिकायतों के निपटारे के लिए तीन स्कीम हैं. इसमें उपभोक्ता शिकायत निपटाने के लिए बैंकिंग, नान-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज और डिजिटल ट्रांजैक्शन में तीन अलग-अलग डेडिकेटेड ओम्बडसमैन यानी लोकपाल योजनाए हैं. आरबीआई का लक्ष्य जून 2021 तक ई-इंटीग्रेटेड स्कीम लाने का है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ”ग्राहकों को वैकल्पिक विवाद निवारण व्यवस्था को आसान और अधिक उत्तरदायी बनाने के लिए तीन अलग-अलग लोकपाल योजनाओं का एककीकरण कर ‘एक देश, एक लोकपाल‘ व्यवस्था को लागू करने का निर्णय किया गया है. उन्होंने बताया कि इस पहल का मकसद बैंकों, एनबीएफसी और नान-बैंकिंग कंपनियों के ग्राहकों को शिकायत के लिए एक एकीकृत स्कीम उपलब्ध कराना है. इसमें एक केंद्रीकृत व्यवस्था होगी.”
दास का कहना है कि ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए सभी न्यायायिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नीतिगत बदवाल हुए हैं और आरबीआई इस दिशा में कई और पहल उठा रहा है. रिजर्व बैंक के पास एक शिकायत प्रबंधन व्यवस्था सीएमएस संचालित थी.
रेपो रेट 4% पर बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक में रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. एमपीसी के सभी सदस्यों ने एकमत से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पाॅलिसी का एलान करते हुए कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला किया है. आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट 10.5 फीसदी रखने का अनुमान जताया है. साथ ही चालू वित्त वर्ष की चैथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य संसोधित कर 5.2 फीसदी कर दिया है.
रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश होने के बाद यह आरबीआई की पहली पॉलिसी है. छह सदस्यों वाली एमपीसी की बैठक बुधवार 3 फरवरी से शुरू हुई थी. सेंट्रल बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1.15 फीसदी की कटौती की है.