पंजशीर के क्या हैं हालात, तालिबान और एनआरएएफ कर रहे अलग-अलग दावे, पूरी तरह साफ नहीं तस्वीर
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काबुल (रायटर्स)। पंजशीर को लेकर अब तक स्थिति कुछ साफ नहीं हो सकी है। तालिबान जहां एक तरफ लगातार इस पर कब्जे का दावा कर रहा है, वहीं, अहमद मसूद के नेतृत्व वाले एनआरएएफ (National Resistance Front of Afghanistan) गुट का कहना है कि वो लगातार तालिबान पर भारी पड़ रहे हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि ये आखिरी इलाका भी एनआरएफए से छीन लिया गया है।
तालिबान विरोधी फौज के नेता अहमद मसूद का कहना है कि वो तालिबान को जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं। ट्विटर पर कहा गया है कि वो सुरक्षित हैं। हालांकि ट्वीट में ये नहीं बताया गया है कि वो कहां पर हैं। एनआरएफए के विदेश मामलों के प्रमुख अली मेसाम नजारे ने फेसबुक पर लिखा है कि उनकी सेना सभी महत्वपूर्ण रणनीतिक ठिकानों पर मोर्चा संभाले हुए हैं और तालिबान को टक्कर दे रही हैं।
रायटर्स की खबर के मुताबिक सोशल मीडिया पर एक फोटो काफी तेजी से वायरल हुई है जिसमें तालिबानी आतंकियों को पंजशीर के गेट पर खड़े दिखाया जा रहा है। उनके पीछे तालिबान का झंडा भी लहरा रहा है। ये फोटो पंजशीर प्रोवेंशियल गवर्नर कंपाउंड के गेट की बताई जा रही है। मुजाहिद का कहना है कि मसूद ने बातचीत की पेशकश की थी लेकिन वो विफल हो गई है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि पंजशीर के लोग भी उनके भाई हैं। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और वे भी तालिबान के साथ मिलकर देश के विकास में सहयोग करेंगे। मुजाहिद का ये भी कहना है कि मसूद की तरफ से वार्ता की बात कही गई थी लेकिन ये विफल रही है। अफगानियों की सुरक्षा और पूर्व के सुरक्षा कर्मियों के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने साफ कहा कि वो तालिबान के साथ आएं। मुजाहिद ने ये भी कहा है कि विदेशियों ने अफगानिस्तान में कभी भी कोई विकास नहीं किया है। इस काम को अब तालिबान यहां के लोगों के साथ मिलकर करेगा।
आपको बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किया था। हालांकि वो पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाया था। काबुल पर कब्जे के बाद पंजशीर के लिए उसने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।