RBI ने PMC बैंक के ग्राहकों को दी राहत, 10 हजार रुपये हुई कैश निकालने की लिमिट

Sep 27, 2019

RBI ने PMC बैंक के ग्राहकों को दी राहत, 10 हजार रुपये हुई कैश निकालने की लिमिट

अगर आप पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहक हैं तो आपके लिए एक राहत की खबर है. दरअसल,  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पीएमसी बैंक के ग्राहकों के कैश निकालने की लिमिट बढ़ा दी है. नए नियम के तहत अब पीएमसी बैंक के ग्राहक 10 हजार रुपये कैश निकाल सकेंगे. पहले यह लिमिट सिर्फ 1000 रुपये की थी. बता दें कि बीते मंगलवार से आरबीआई ने अगले 6 महीने तक के लिए पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं.आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्‍शन 35ए के तहत की है.

क्‍या कहा आरबीआई ने?

रिजर्व बैंक ने कहा कि जमाकर्ताओं को उनके बचत/चालू या किसी अन्य जमा खाते में रखी कुल शेष राशि में से पहले निकाले गये 1,000 रुपये सहित 10,000 रुपये तक की राशि निकालने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. इस सीमा से बैंक के 60 फीसदी से अधिक जमाकर्ता अपने पूरे पैसे खाते से निकाल सकेंगे.

हालांकि, केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि बढ़ी हुई राशि की निकासी तभी हो सकेगी जब खाताधारक की बैंक में कोई कर्ज देनदारी नहीं हो और किसी तीसरे पक्ष को दिये गये कर्ज में जमानतदार के तौर पर उसकी कोई देनदारी नहीं हो. आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ताओं की मुश्किलें कम करने के उद्देश्य से यह छूट दी गई है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक कोई भी बैंक का खाताधारक बैंक से एक ही बार में या फिर छह माह की अवधि के दौरान 10,000 रुपये तक निकाल सकता है.

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ग्राहकों की बढ़ गई है परेशानी

पीएमसी बैंक पर आरबीआई के फैसले की वजह से ग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है. इस वजह से ग्राहक लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं कुछ ग्राहकों ने पुलिस में सामूहिक शिकायत भी दर्ज कराई है. दरअसल, आरबीआई के पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध की वजह से अब ग्राहक कोई नया फिक्‍सड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खोल सकेंगे. इसके अलावा नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. आरबीआई की यह पाबंदी अगले 6 महीने के लिए है. हालांकि आरबीआई इन दिशा-निर्देशों में स्थिति के हिसाब से संशोधन कर सकता है.
बैंक के एमडी ने मांगी माफी

आरबीआई के फैसले के बाद पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के निलंबित एमडी जॉय थॉमस ने ग्राहकों से माफी मांगी है. थॉमस ने कहा कि बतौर एमडी मैं इसकी जिम्‍मेदारी लेता हूं. वहीं सभी जमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करता हूं कि 6 महीने से पहले हम अपनी कमियों को सुधार लेंगे. थॉमस ने कहा,  ''मुझे पता है कि यह आप सभी के लिए एक मुश्किल समय है. मुझे यह भी पता है कि कोई भी माफी इस दर्द को खत्‍म नहीं कर सकता है. आप सभी से अपील है कि कृपया हमारे साथ रहें और सहयोग करें.''

क्‍या है बैन की असल वजह?

दरअसल,  पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर आरोप है कि उसने नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए के बारे में आरबीआई को गुमराह किया है. इस बैंक के निलंबित एमडी थॉमस ने भी गलती स्वीकार की है. उन्‍होंने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि एचडीआईएल के खाते में एनपीए को कम कर दिखाने की वजह से यह समस्या खड़ी हुई है.  हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि एचडीआईएल पर बैंक का कितना कर्ज बकाया है.उन्होंने कहा कि यह कर्ज पूरी तरह सुरक्षित या गारंटी वाला है.

बता दें कि स्लम पुनर्विकास कंपनी पहले से नकदी संकट से जूझ रही है. अब यह दिवाला प्रक्रिया में है. पिछले कई साल से कंपनी भुगतान में देरी कर रही है. इसके साथ ही थॉमस ने ग्राहकों के कन्‍फ्यूजन को भी दूर किया है. उन्‍होंने दावा किया है कि बैंक के खातों में ग्राहकों की पाई-पाई सुरक्षित है.

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