पिता के बाद आईपीएस बेटा भी बना बीएसएफ का डीजी

Aug 30, 2021
Source: https://www.livehindustan.com/

पंकज से पूर्व इनके पिता रिटायर आईपीएस प्रकाश सिंह भी इस पद पर रह चुके हैं। पिता के बाद बेटे को भी बीएसएफ का डीजी बनाए जाने से उनके गांव सहित पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है। गुरुवार को पूरे क्षेत्र में सिर्फ पिता-पुत्र का ही बखान हो रहा था। प्रकाश सिंह का पूरा परिवार नोएडा में रहता है। प्रकाश सिंह ने बताया कि इस बार परिवार समेत दीपावली गांव में ही मनाऊंगा।

महुआपार गांव निवासी यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का पूरा परिवार नोएडा रहता है। गांव का मकान बंद है। गांव के संतराज, पिंटू, रामबेलास आदि ने बताया कि समय-समय पर प्रकाश सिंह गांव आते हैं। जब वह आते हैं तो सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। गांव वालों से ज्यादा लगाव रखते हैं। प्रकाश सिंह साल 1993 में उत्तर प्रदेश के डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने गुरुवार को फोन पर बताया कि मेरा हमेशा अपने गांव और गांव के लोगों से लगाव रहा है। जब मौका मिलता है गांव जाकर अपने लोगों से मिलता रहता हूं। लोगों के बीच सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, ताकि कार्यक्रम के जरिए गांव के लोग एक साथ इकट्ठा हो सकें और मेरी सभी लोगों से मुलाकात हो सके। प्रकाश सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से गांव गए करीब डेढ़ साल से अधिक हो गया है, लेकिन इस बार परिवार संग दीपाली अपने गांव वाले घर पर ही मनाऊंगा। प्रकाश सिंह ने बताया कि गांव में किसी के न रहने की वजह से घर में गंदगी और घास उग आती हैं। घर जाने के बाद पहले तो साफ-सफाई करनी पड़ती है, लेकिन इस बार लंबा फासला होने की वजह से स्थिति कुछ और हो गई है। महुआपार गांव निवासी रिटायर शिक्षक जगतनरायण सिंह, हरेंद्र नरायण सिंह आदि ने बताया कि अपने दौर में जिस सख्त तेवर के लिए प्रकाश सिंह जाने जाते थे। 

उनसे जरा भी कम उनके बेटे पंकज कुमार सिंह नहीं है। वह अपने पिता के ही नक्शे कदम पर चलना चाहते हैं। पुरानी घटना की याद ताजा करते हुए जगतनरायण सिंह ने बताया कि जिस समय प्रकाश सिंह बीएसएफ के डीजी के पद पर थे। उस समय गांव का पता लगाते हुए सेना का एक जवान इसलिए आया था कि उसका ट्रांसफर जम्मू में हो गया है। उस समय जम्मू के हालत ठीक नहीं थे। ऐसे में जवान अपना ट्रांसफर रोकवाना चाहता था, लेकिन प्रकाश सिंह उस पर ध्यान नहीं दिए। बाद में हम लोगों ने पूछा तो बताए कि हमारे लिए सभी लोग समान हैं। उन्हीं के नक्शे कदम पर बड़ा बेटा पंकज भी चलने की पूरी कोशिश करते हैं। प्रकाश सिंह के पट्टीदार शिक्षक पद से रिटायर जगतनरायण सिंह के मुताबिक प्रकाश सिंह तीन भाइयों में छोटे हैं। इनके बड़े भाई राजेंद्र सिंह हाईकोर्ट में जज थे। दूसरे नंबर के रामेश्वर सिंह रेलवे विभाग में मेंबर आफ ट्रांसपोर्ट के पद पर थे। जबकि प्रकाश सिंह आईपीएस थे। वह बीएसएफ के डीजी और उत्तर प्रदेश के डीजीपी के पद पर रह चुके हैं। प्रकाश सिंह के दो बेटों में बड़े पंकज कुमार सिंह राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस हैं। प्रकाश सिंह के करीबियों में शामिल गांव के हरेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि पंकज कुमार सिंह की बीएसएफ के डीजी पद पर तैनाती होने से ना केवल गांव और क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन हुआ है। पड़ोसी जगतनरायण सिंह ने बताया कि प्रकाश सिंह अपने गांव के विकास के लिए काफी प्रयास किए, क्योंकि उन्हें अपने गांव से काफी लगाव है। सेवानिवृत्त होने के बाद उनका बहुत मन था कि यहां एक अच्छा सा स्कूल खोल दें, ताकि गांव के बच्चों को आसानी से उच्च शिक्षा मिल सके। लेकिन किसी कारण से प्रकाश की यह योजना अधूरी रह गई।

 

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