यूपी कैबिनेट: जानबूझकर गंदगी फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई, देना होगा 1000 रुपये तक का जुर्माना

Sep 06, 2021
Source: https://www.livehindustan.com/

इसके साथ ही लोगों को कूड़ा उठवाने के एवज में तय फीस देनी भी होगी और बड़े प्रतिष्ठानों को लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए फैसला करने का अधिकार निकायों के जिम्मे छोड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लेते हुए ‘उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली’ 2021 को मंजूरी दी गई।

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों यानी नगर निकायों में रोजाना करीब 14,468 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। मानक के अनुसार कूड़े का निस्तारण नहीं हो रहा है। इससे स्वास्थ्य, स्वच्छता व पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। राज्य सरकार ने इसीलिए उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 बनाते हुए इसे लागू करने का फैसला किया है। नियमावली का उद्देश्य नगरीय निकायों में स्वच्छता बनाए रखने व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को तैयार करते हुए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए शुल्क व नियमावली के प्रावधानों के उल्लंघन पर जुर्माना वसूलना है।

नियमावली में मुख्य रूप से यह व्यवस्था की गई है कि लोगों को कूड़ा तीन प्रकार- जैविक (बायोडिग्रेडेबल), अजैविक (नान बायोडिग्रेडेबल) और घरेलू कूड़े को अलग-अलग करके कूड़ेदान में इस प्रकार रखना होगा, जिससे उसे सीधे उठाया जा सके। सभी आवासीय परिसर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और अन्य वृहद रूप से अपशिष्ट जनित करने वाले प्रतिष्ठानों को भी अलग-अलग करते कूड़ेदान में रखना होगा। गीला कचरा (बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट) को यथासंभव कंपोस्टिंग या बायो मिथेनाइजेशन तकनीक के जरिए प्रोसेसिंग, निस्तारण उक्त संबंधित संस्थानों व प्रतिष्ठानों द्वारा अपने परिसर में ही किया जाएगा।

खुद करानी होगी सफाई

शहरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में 100 से अधिक लोगों के शामिल होने पर आयोजक को कार्यक्रम खत्म होने के बाद स्वयं सफाई करानी होगी। सफाई न कराने पर उसे क्षेत्रफल व कचरे के हिसाब से जुर्माना भरना होगा। फेरी या फिर पटरी पर दुकान लगाने वाले इधर-उधर गंदगी नहीं फेंक पाएंगे। उन्हें बंद डिब्बा अपने पास रखकर कूड़ा एकत्र करना होगा।

नाले-नालियों में कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध

खुले में नाले और नालियों में कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे साफ रखने का दायित्व कालोनी वालों का होगा। हाउसिंग सोसायटियों के अंदर की गलियों को रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी वालों को साफ कराना होगा और इससे निकलने वाली गंदगी को एक स्थान पर रखना होगा और उसे निकाय की कूड़ा गाड़ियों को देना होगा। शहरों में लगने वाले लंगर या पूजा पंडलों में अब अनिवार्य रूप से कूड़ा फेंकने के लिए डिब्बा रखाना होगा।

स्वयं कूड़ा एकत्र कराना होगा

निजी संपत्तियों के प्रत्येक भवन स्वामियों को अपने परिसर में पर्याप्त संख्या में कचरा एकत्र करने की व्यवस्था करानी होगी। कूड़ा-करकट सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और इधर-उधर नहीं फेंके जा सकेंगे। पशुओं की पहुंच वाले स्थानों पर भी कूड़ा फेंकना प्रतिबंधित होगा। भारी मात्रा में कूड़ा निकलने वाले स्थानों खासकर बहुमंजिले भवन, अपार्टमेंट, गली में स्थित घर, होटल, पार्क, मॉल, सरकारी या निजी आवासीय कालोनियों, समितियों, दुकानों, कार्यालयों, वाणिज्यिक अधिष्ठान, एयरपोर्ट, रेलवे, उद्योगों को अपने क्षेत्रों में अलग-अलग कूड़े रखने और निस्तारित करने की व्यवस्था करनी होगी।

निकायों को पास कराना होगा

निकायों को अपने-अपने बोर्ड या कार्यकारिणी समिति से इस नियमावली को पास करते हुए लागू करना होगा। निकाय स्वायत्तशासी संस्था है। इसलिए उन्हें कोई भी नियम लागू करने से पहले अपने यहां पास कराना जरूरी होता है।

क्या करने पर जुर्माना     बड़े नगर निगम छोटे नगर निगम पालिका परिषद नगर पंचायत
गाड़ी से गंदगी फेकने या थूकने पर 1000 750 500 350
सर्वाजनिक स्थान पर 500 400 300 200
स्कूल, अस्पताल के पास गंदगी फैलाने पर 750 500 400 300
कूड़ा कचरा मिट्टी में दबाने या फिर जलाने पर   2000 1500 1200 1000
खुले में जनवरों को शौच कराने पर 500 300 200 100
घरों का मलबा सड़क कि किराने रखने पर 3000 2500 1500 1000
निजी नालियों, सीवर लाइनों से घरेलू     500 300 200 100
नाली व सीवर में चोक करने वाला सामान डालने पर 500 300 200 100

आपकी राय !

Gujaraat में अबकी बार किसकी सरकार?

मौसम