व्यावसायिक सुरक्षा,स्वास्थ्य,वातावरण और अग्नि सुरक्षा विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनका सफल आयोजन

Nov 25, 2019

व्यावसायिक सुरक्षा,स्वास्थ्य,वातावरण और अग्नि सुरक्षा विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनका सफल आयोजन

उद्योग विहार नई दिल्ली विशेष संवाददाता :दिनांक 25 नवंबर, 2019 को नई दिल्ली के हॉलिडे इन होटलमें आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन इंटरनेशनल सोशल सिक्योरिटी एसोसिएशन कंस्ट्रक्शन जर्मनी के अध्यक्ष प्रोफेसर कार्ल हेंजनोएटेल ने किया । प्रोफेसर कार्ल हेंजनोएटेलको" विजन जीरो"दृष्टि शून्य- अवधारणा:का जनक माना  जाता है। विज़नज़ीरो, व्यावसायिक दुर्घटनाओं और काम से संबंधित बीमारियों के बिना दुनिया की दृष्टि है। इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता घातक और गंभीर कार्य दुर्घटनाओं और व्यावसायिक रोगों को रोकना है। "विजन जीरो" रोकथाम का एक परिवर्तनकारी तरीका है जो सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम के सभी स्तरों पर कल्याण के तीन आयामों को एकीकृत करता है। इसे प्राप्त करने के लिए, मापें कि कौन से सिद्धांत, अर्थात, प्रतिरोध, और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक प्रतिभूति संघ (ISSA) ने सात स्वर्ण नियम निर्धारित किए हैं और विज़न शून्य प्राप्त करने के लिए एक रूप का वर्णन किया है। चार मौलिक जीवन पर आधारित अवधारणा गैर-परक्राम्य है, मानव पतनशील हैं, सहनीय सीमाएं मानव शारीरिक द्वारा परिभाषित की जाती हैं, लोग सुरक्षित परिवहन और सुरक्षित कार्यस्थलों के हकदार हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन ISSA जर्मनी,MOSHPA मलेशिया,NSC सिंगापुर तथा कनैक्ट OSH इंडिया के तकनीकी सहयोग से किया गया ।सम्मेलनमें आये 250 से अधिक व्यावसायिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, वातावरण और अग्नि सुरक्षा के विशेषज्ञों ने औद्योगिक रूप से विकसित और विकासशील देशों में लागू होने वाले सुरक्षा और स्वास्थ्य संबन्धित विभिन्न विषयों पर चर्चा की । इस अवसर पर डॉ अवनीश सिंह ने कहा कि कहा की हमारे देश ने औद्योगिकी करणके क्षेत्र में बहुत तेज़ी से प्रगति की है । जहां एक ओर उत्पादन में वृद्धि  हुई है वहीं उद्योगों में कार्यरत हमारे कामगारों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य के पुख्ता इंतजाम करने की ज़रूरत है । उन्होंने बताया कि सरकार श्रम कानूनों के सरलीकरण और युक्तीकरण के काम को बहुत तेज़ी से आगे बढ़ा रही है ।13 श्रम कानूनों को समाहितकर औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और वातावरण संहिता का स्रजन किया गया है । इस संहिता के लागू होने के बाद हमारे असंगठित क्षेत्र के उद्योगों में भी व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार होगा । पिछले कुछ दशकों के दौरान हमारे देश ने औद्योगिक विकास के क्षेत्र में बहुत तेज़ी से प्रगति की है । मगर याद रहे की यह तेज औद्योगिक विकासअतीत में कई त्रासदियों को भी अपने साथ लाया है। विश्व की सबसे भयंकर  भोपाल गैस त्रासदी जैसीदुर्घटनायें जिसने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कियावह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत बड़ा धब्बा है । डॉ सिंह ने कहा कि ने कहा कि आज जरूरत है रोजगार के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के रोकथाम की,सुरक्षित कार्य वातावरण के निर्माण की,श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की, जिससे की श्रमिकों कार्य करते समय किसी दुर्घटना का शिकार न बने और करते समय स्वयं को सुरक्षित महसूस करें, और उत्साहित हो कर अधिक से अधिक उत्पादन कर देश की प्रगति में भरपूर योगदान कर सके ।

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इसलिए आज हमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, संगठित और असंगठित क्षेत्र के उद्योगों में व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों को समझने की और संबोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया किआज जरूरत है कि विकसित और विकासशील देश एक मंच पर आकर परस्पर विचार विमर्श करें, विभिन्न तकनीक का आदान प्रदान करें जिससे कि हम सम्पूर्ण विश्व कामगारों के लिए सुरक्षित कार्य स्थल प्रदान कर सके । व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य पर नीतियों और कार्यक्रमों को दुर्घटना की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमें श्रमिकों के कल्याण को बढ़ाने वाली संस्कृति का निर्माण करना होगा। निरीक्षण और प्रोत्साहन के विवेक पूर्ण मिश्रण से  सुरक्षा अवम स्वास्थ्य के लिए जागरूक संस्कृति का स्रजन करना होगा । डॉ सिंह ने कहा किहमारा देश श्रमिक वर्ग के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रनिर्माण में श्रमिकों के योगदान को पहचानती है।हम जानते है हम पहचानते है कि राष्ट्र निर्माणकी प्रक्रिया में हमारे श्रमिकों की भूमिका बहुत महत्व शील है।श्रमिकों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे हैं । गत कुछ वर्षों मेंहमनेकई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैंहमारे उद्योगों और वहां काम करने वाले लोगों के लिए काम करने की स्थिति को बेहतर करने के लिए सरकार वचन बद्ध है | माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जीके गतिशील और प्रभावी नेतृत्व में हमने श्रम कानूनों के सरलीकरण और युक्तीकरण के काम का बड़ा बीड़ा उठाया है । हमने 44 श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समाहित किया है। और इन श्रम संहिताओं में से एक है औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और वातावरण विषय पर । इस श्रम संहिता में13 श्रम कानूनों को सम्मिलित किया गया है । भारत सरकार पहले ही इसे संसद में प्रस्तावित कर चुकी है और जल्दी ही इसे पारित कर लागू भी कर दिया जायेगा । डॉ अवनीश सिंह ने कहा कि मुझे यकीन है कि यह अंतर्राष्ट्रीय बैठक निश्चित रूप से एक स्पष्टता प्रदान करेगी औद्योगिक समाज से व्यावसायिक बीमारियों का उन्मूलन और कार्य स्थल पर काम करने की स्थिति और वातावरण में सुधारकरें में निःसंदेह मदद करेगी। उपरोक्त कार्यक्रम मेंकार्ल-हेंजनॉटेल, प्रेसीडेंट,इंटरनेशनल सोशल सेक्युरिटी असोसियेशन,जर्मनी; आमेराली अब्देलीजेपी, प्रेसीडेंट,नेशनल सेफ्टी काउंसिल,सिंगापुर; डॉ दातोकनगराजा रमन, प्रेसीडेंट, MOSHPA, मलेशिया;  ललित गबाने, महानिदेशक, नेशनल सेफ्टी काउंसिल ऑफ इंडिया; सुधीर एम बोबडे, श्रम आयुक्त, श्रम मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार; अक्षय झिंगा, संस्थापक, कनेक्ट ओशइंडिया;व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा विशेषज्ञ,सरकारी और गैर-सरकारीसंगठनों के प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ अवनीश सिंह रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल -डी जी एफ ए एस एल आई , श्रम एवं रोजगार मंत्रालय , भारत सरकार ने किया था।

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