हरे-भरे होंगे नदियों के किनारे, घटेगा प्रदूषण

May 25, 2019

हरे-भरे होंगे नदियों के किनारे, घटेगा प्रदूषण

-उद्योग विहार (जून 2019)- लखनऊ।
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश के बाद ही सही, सरकार को नदियों की सेहत की फिक्र हुई है। एनजीटी के निर्देश और सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने प्रदेश की नौ नदियों के किनारे 2021-22 तक के लिए सघन पौधरोपण की कार्ययोजना बनायी है। जिन जगहों पर पौधरोपण होना है वह संबंधित नदियों के वे अधिग्रहण क्षेत्र हैं, जो सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार गंभीर (क्रिटिकल) प्रदूषित हैं। वन विभाग द्वारा तैयार कार्ययोजना के मुताबिक वर्ष 2019-22 के दौरान 1500 हेक्टेयर रकबे में करीब 15 लाख पौधे लगाये जाएंगे। जिन नदियों के किनारे पौधरोपण होना है उनमें हिंडन, काली, गोमती, सई, वरुणा-अस्सी, रामगंगा, बेतवा, सरयू और गंगा शामिल हैं। पौधरोपण के लिए चिह्नित जिले सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, सीतापुर, वाराणसी, शाहजहांपुर, बरेली और हमीरपुर हैं।

यह भी पढ़े-

अब विमान यात्रियों को मिलेगा मनपंसद खाना, जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/now-the-passengers-will-get-the-customized-food

2014-19 के दौरान लगे थे 25 लाख पौधे:
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 से 2018-19 के दौरान भी इन नदियों किनारे और संबंधित जिलों में 2562 हेक्टेयर में 2529287 पौध लगाए गये थे। अगर कार्ययोजना को भी जोड़ दें तो 2022 तक इन नदियों के किनारे 4064 हेक्टेयर में 40 लाख से अधिक पौधे इनकी हरियाली बढ़ाएंगे। इससे पराकृतिक तरीके से नदियों का प्रदूषण तो दूर होगा ही, कटान रुकने से बाढ़ की समस्या हल होगी। इससे आसपास के क्षेत्रों के भूगर्भ जलस्तर भी समृद्ध करेगा।

यह भी पढ़े-

अब हर रेस्तरां को लेनी होगी फायर एनओसी, जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/now-every-restaurant-has-to-take-fire-noc

क्या था एनजीटी का निर्देश:
नदियों के प्रदूषण से चिंतित एनजीटी ने सीपीसीबी की रिपोर्ट के आधार पर पिछले महीने गंभीर रूप से प्रदूषित प्रदेश की नौ नदियों की सूची जारी कर सरकार को निर्देश दिया था कि वह इनके किनारे सघन पौधरोपण की कार्ययोजना बनाकर 26 अप्रैल तक परस्तुत करे। एनजीटी के निर्देश के बाद सरकार ने पौधरोपण की योजना तैयार की। एनजीटी की रिपोर्ट में हिंडन (सहारनपुर से गाजियाबाद), काली नदी (ईस्ट-मुजफ्फरनगर से गुलाठी, मेरठ), वरुणा (रामेश्वर से वाराणसी), यमुना (आजादपुर से इटावा और सहारनपुर से प्रयागराज ), गोमती (सीतापुर से वाराणसी), गंगा (कन्नौज से वाराणसी), रामगंगा (मुरादाबाद से कन्नौज), बेतवा (हमीरपुर से वागपुरा), घाघरा(बड़हलगंज से देवरिया), राप्ती- डोमिनगढ़ से राजघाट, गोरखपुर), सई (उन्नाव से जौनपुर) और सरयू (अयोध्या से एलफतगंज, अंबेडकर नगर) तक गंभीर रूप से प्रदूषित बताया गया था।

यह भी पढ़े-

अब 20 हजार रूपये तक किराये पर नहीं देना होगा टीडीएस, जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/tds-will-not-be-levied-for-20-thousand-rupees

आपकी राय !

अग्निवीर योजना से कितने युवा खुश... और कितने नहीं वोट करे और कमेंट में हमे वजह बातए ? #agniveer #agniveeryojana #opinionpoll

मौसम