EPFO ने जमा और निकासी करने के नियमों में हाल में किए ये बदलाव

Dec 03, 2018

नई दिल्ली: 

रिटायरमेंट से जुड़े कर्मचारियों के फंड की रखरखाव करने वाली संस्था ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल ही में अपने कुछ नियमों में बदलाव किया. खाताधारकों को पीएफ (PF) अंशधारकों के लिए ईपीएफओ (EPFO) द्वारा समय समय पर जारी किए जाने वाले निर्देश और नियमों में बदलावों से अवगत रहना बहुत जरूरी होता है. इससे समय पड़ने पर दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता. बता दें कि फरवरी के आखिरी सप्ताह में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने भविष्य निधि से 10 लाख रुपये से अधिक की निकासी को ऑनलाइन दावा करना अनिवार्य कर दिया था. ईपीएफओ द्वारा खुद को कागजरहित संगठन बनाने की दिशा में यह एक और कदम उठाया गया था. इससे कुछ समस्या आई जिसकी वजह से इस नियम में बदलाव किया गया है. 

10 लाख रुपये या इससे अधिक के पीएफ खाताधारकों से संबंधित

यह बदलाव 10 लाख रुपये या इससे अधिक के पीएफ खाताधारकों से संबंधित था. बदले गए नियम के अनुसार ईपीएफओ का कहना था कि ज्यादा रकम निकालने के लिए एक फॉर्म भरना होगा. यह नियम 13 अप्रैल से लागू किया गया. इससे पहले संगठन ने भविष्य निधि से 10 लाख रुपये से अधिक की निकासी को ऑनलाइन दावा करना अनिवार्य कर दिया था.

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कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 से पांच लाख रुपये से अधिक की निकासी के लिए
इसके अलावा ईपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 से पांच लाख रुपये से अधिक की निकासी के लिए भी ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य कर दिया था. पेंशन योजना के तहत, पेंशन की आंशिक राशि की निकासी का प्रावधान है. इसे पेंशन के पैसे का रूपान्तरण कहा जाता है. फिलहाल ईपीएफओ अंशधारकों को ऑनलाइन के साथ मैनुअल तरीके से भी दावा दाखिल करने की अनुमति है.

एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त की अध्यक्षता में 17 जनवरी, 2018 को हुई बैठक में यह फैसला किया गया. अधिकारी ने कहा कि फील्ड कार्यालयों को कहा गया है कि यदि पीएफ से निकासी की राशि 10 लाख रुपये से अधिक है, तो दावा सिर्फ ऑनलाइन स्वीकार किया जाना चाहिए. इसी तरह कर्मचारी पेंशन योजना में निकासी राशि पांच लाख रुपये से अधिक होने पर सिर्फ ऑनलाइन दावा ही स्वीकार किया जाए.

ऑनलाइन दावा करने से पहले अंशधारक के बैंक खाते को प्रणाली से जोड़ा और सत्यापित किया जाना चाहिए. ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है. यह 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कोष का प्रबंधन करता है.|

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नौकरी जाने के 30 दिन बाद अब EPFO से निकाल सकेंगे 75% राशि
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य के पास अब एक महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में 75% तक राशि निकालने का विकल्प होगा और इस तरह वह अपने खाते को भी बरकरार रख सकते हैं. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक के बाद यह जानकारी दी. गंगवार ईपीएफओ के न्यासियों के केंद्रीय बोर्ड के चेयरमैन भी हैं.

उन्होंने कहा कि हमने इस योजना में संशोधन का निर्णय किया है. इसके तहत एक महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में ईपीएफओ का कोई भी सदस्य 75% तक राशि को अग्रिम तौर पर निकाल सकता है और अपने खाते को बनाए रख सकता है. ईपीएफओ योजना 1952 के नए प्रावधान के तहत दो महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में उपयोक्ता अपनी बची हुई 25% राशि की भी निकासी कर खाते को बंद कर सकता है. मौजूदा समय में कोई भी उपयोक्ता दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद ही इस राशि की निकासी कर सकता है. श्रम मंत्री ने यह भी कहा कि ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेट फंड) में ईपीएफओ का निवेश 47,431.24 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और जल्दी ही यह एक लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा. इस निवेश पर प्रतिफल 16.07 प्रतिशत है.

अगर आपकी कंपनी ने आपका PF खाते में नहीं कराया जमा, तब EPFO उठाएगा यह कदम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कहा कि अगर नियोक्ता भविष्य निधि में योगदान को ईपीएफओ के पास समय पर जमा नहीं करते हैं, वह इसकी सूचना अपने अंशधारकों को देगा. फिलहाल ईपीएफओ पंजीकृत सार्वभौमिक खाता संख्या रखने वाले अंशधारकों के खाते में केवल जमा राशि के बारे में ही एसएमएस : ईमेल के जरिये सूचना देता है. ईपीएफओ ने एक बयान में कहा, ‘‘जिन सदस्यों का योगदान समय पर जमा नहीं होता, उसके बारे में सूचना नहीं दी जाती. पारदर्शिता बढ़ाने के इरादे से यह निर्णय किया गया है कि उन अंशधारकों को एसएमएस : ई-मेल ( जिन्होंने यूएएन खाते में अपना मोबाइल नंबर : ई-मेल पंजीकरण कराया है) के जरिये यह सूचना दी जाएगी जिनके नियोक्ताओं ने संबंधित महीने का समय पर योगदान राशि ईपीएफओ के पास जमा नहीं करायी.’’

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ई - पासबुक आनलाइन तथा उमंग मोबाइल एप के जरिये भी उपलब्ध

संगठन के अनुसार अब योगदान राशि जमा किये जाने के बारे में जानकारी ई - पासबुक आनलाइन तथा उमंग मोबाइल एप के जरिये भी उपलब्ध होगी. इसके अलावा सदस्यों ‘ मिस्ड काल ’ सेवा के जरिये भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं. जिन ईपीएफओ सदस्यों का मासिक योगदान नियमित तौर पर प्राप्त होता है , वे उक्त विकल्पों का उपयोग कर अपना योगदान देख सकते हैं. ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या 5 करोड़ से अधिक है. संगठन 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक कोष का प्रबंधन करता है. 

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