थोक महंगाई चार माह के निचले स्तर पर पहुंची

Apr 16, 2020

थोक महंगाई चार माह के निचले स्तर पर पहुंची

खाने-पीने की चीजें और ईंधन सस्ता होने के कारण मार्च में थोक महंगाई दर घटकर महज एक प्रतिशत रह गई, जो चार महीनों का सबसे निचला स्तर है। फरवरी में महंगाई की यह दर 2.26 प्रतिशत थी। इससे पहले नवंबर, 2019 में थोक महंगाई दर 0.58 प्रतिशत थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटकर 4.91 प्रतिशत रह गई, जो फरवरी में 7.79 प्रतिशत थी। इस दौरान ईंधन और बिजली की कीमतें बढ़ने की जगह 1.76 प्रतिशत घटी। हालांकि कारखानों में तैयार चीजों की महंगाई 0.34 प्रतिशत बढ़ी। सब्जियों के थोक भाव घटे, लेकिन प्याज (112.31 प्रतिशत) महंगा रहा। देश में लॉकडाउन की वजह से थोक महंगाई के आंक़़डों की गणना प्रभावित हुई। सरकार का कहना है कि बीते महीने के लिए थोक महंगाई दर की प्राथमिक गणना अपेक्षाकृत कम आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है। जब अंतिम गणना जारी की जाएगी, तब आंकड़े बदल सकते हैं। रेटिंग एजेंसी इकरा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि यदि खनिज, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस जैसी जिंसों की कीमतों में आई गिरावट को पूरी तरह से गणना में लिया जाता तो मार्च में थोक महंगाई दर शून्य से नीचे नजर आती।

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