महिला सुरक्षा: गौतम बुद्ध नगर की आठ हजार फैक्टियों और कंपनियों को मिला नोटिस

Dec 17, 2019

महिला सुरक्षा: गौतम बुद्ध नगर की आठ हजार फैक्टियों और कंपनियों को मिला नोटिस

कंपनियों ने शोर पोर्टल पर नहीं कराया पंजीकरण आदेश के बावजूद भी

यह ऐक्ट उन सभी कंपनियों पे भी लागु होता है जहाँ एक भी महिला कर्मचारी नहीं है, ऐक्ट का उल्लंघन करने पर 50000/- रुपए से लेकर तीन लाख रुपए की पेनल्टी- सत्येन्द्र सिंह चेयरमैन ऑफ़ उत्थान समिति एवं श्रम कानून सलाहकार

गौतम बुद्ध नगर: महिला सुरक्षा को लेकर हमारी प्रदेश सरकार बहुत ज्यादा सख्त हो गई है। जिला प्रशासन ने कुछ माह पूर्व कार्यस्थलों पर सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए शोर पोर्टल लांच किया था। जिले की सभी कंपनियों व फैक्ट्रियों को पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य था। आदेश के पालन में कंपनियों ने लापरवाही बरती। दस हजार कंपनियों में से करीब पांच सौ कंपनियों ने ही पंजीकरण कराया। आठ हजार कंपनियों को प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। पंजीकरण कराने के लिए कंपनियों को 15 दिन का समय दिया गया है। निर्धारित समय में पंजीकरण न कराने वाली कंपनियों को पचास हजार रुपये जुर्माने का नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस के बाद भी पंजीकरण न कराने वाली कंपनियों को दोबारा एक लाख रुपये का नोटिस दिया जाएगा। बावजूद पंजीकरण न कराने वाली कंपनियों का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की संस्तुति शासन से की जाएगी।

उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येन्द्र सिंह एवं श्रम कानून सलाहकार ने कहा है कि हमारी संस्था इस विषय में कम्पनियों में कर्मचारियों को जागरूक करने का कार्य विगत 12 वर्षों से कर रही है तथा शिकायतों के लिए एक फ़ेसबुक पेज " नारी शक्ति आफ इण्डिया" बनाया हुआ है और उसके माध्यम से समस्याओं का निराकरण भी किया जाता है और जानकारी दी जाती है । इस ऐक्ट का उल्लंघन करने पर न्यूनतम 50000/- रुपए से लेकर पुनः उल्लंघन करने पर  तीन लाख रुपए तक की पेनल्टी भरनी पड़ सकती है और कारावास का भी प्रावधान है । बहुत सी कम्पनियों को भ्रम है की यह क़ानून सिर्फ़ उन पर लागू है जहाँ पर महिलायें भी कार्य करती हैं लेकिन यह ग़लत है और यह क़ानून उन सभी कम्पनियों पर भी लागू है जहाँ महिलायें कार्य नहीं करती हैं और दस कर्मचारी कार्य कर रहे हैं । अर्थात् दस या अधिक कर्मचारियों वाली सभी कम्पनियों पर यह क़ानून लागू होगा । इसका मक़सद यह है की जहाँ महिलायें नहीं कार्य करती हैं वहाँ पर ग्राहक महिला हो सकती है या अन्य अपरोक्ष तरीक़े से या पुरुषों से भी यौन उत्पीड़न की घटना हो सकती है तो उसको भी रोकने का प्रावधान इस ऐक्ट में किया गया है ।

प्रेसवार्ता में जिलाधिकारी बीएन सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कुछ माह पूर्व शोर पोर्टल लांच किया था। पोर्टल जिले की उन सभी कंपनियों व फैक्ट्रियों के लिए है, जिनके यहां पर दस या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। सभी कंपनियों व फैक्ट्रियों के प्रबंधन को निर्देश दिया गया था पोर्टल पर पंजीकरण कराएं। उसके बाद कंपनियों को अपने यहां पर कंप्लेन कमेटी बनानी थी। काम करने वाली महिलाओं की शिकायतें दर्ज कर उनका निस्तारण करना था और अगले वर्ष जनवरी में विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजनी थी। जांच में प्रशासन को पता चला था कि जिले में लगभग दस हजार कंपनियां हैं, लेकिन अभी तक मात्र लगभग पांच सौ कंपनियों ने ही पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।

जिलाधिकारी ने बताया आने वाले समय में पोर्टल पर सोसायटी को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया सोशल मीडिया पर जो लोग भ्रामक खबर फैलाएंगे, उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों पर पुलिस व प्रशासन के लोग नजर रखे हुए हैं।

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