योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा फैसला, अब छह हजार रुपये में करें अपनों के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री

Jun 15, 2022
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दान विलेख के दायरे में आने वाले पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे। छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा। छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्री पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा।

यह सुविधा देश के प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पहले से हैं। वहां पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्तियों के दान विलेख पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाती है। भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश सरकार चाहे तो यह छूट दे सकती है। इसी आधार पर योगी सरकार ने यह सुविधा देने का फैसला किया है। 

प्रदेश सरकार को इस योजना के लागू होने से करीब 200 करोड़ रुपये सालाना नुकसान होने का अनुमान है। मौजूदा समय सभी प्रकार की रजिस्ट्री पर सर्किल रेट के आधार पर स्टांप शुल्क लेने की व्यवस्था है। इसके चलते परिवार के सदस्य बहुत जरूरी होने पर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री कराते हैं, जिससे उन्हें स्टांप शुल्क न देना पड़े।

ऐसे में परिवार के स्वामी सदस्यों के पक्ष में वसीयत कर देते हैं। संपत्ति स्वामी की मृत्यु के बाद वसीयत को लेकर कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इन विवादों में भी इस फैसले से कमी आएगी। राज्य विधि आयोग ने भी इसकी सिफारिश प्रदेश सरकार से की थी। अब प्रयोगशाला सहायकों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा : चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में प्रयोगशाला सहायक (ग्राम्य) के पद पर भर्ती अब उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के माध्यम से की जाएगी। चयनित हुए अभ्यर्थियों को तैनाती के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी तक विभाग अपने स्तर पर भर्ती करता था और ट्रेनिंग के बाद तैनाती दी जाती थी। प्रयोगशाला सहायक (ग्राम्य) सेवा नियमावली, 1998 में संशोधन को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्द खाली पदों पर भर्ती भी की जाएगी। पुराने भवनों को ध्वस्त करने को दी गई मंजूरी : केंद्र की मदद से अब जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेजों से संबद्ध किया जा रहा है। जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर राजकीय मेडिकल कालेज बनाने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध चंदौली के पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय के 12 पुराने व जर्जर भवनों को ध्वस्त किए जाने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

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