आडिट रिपोर्ट में सीए ने छिपाई कंपनी की गलतियां, NFRA ने की सख्त सख्त कार्रवाई, जानें- पूरा मामला

Jun 24, 2022
Source: https://www.jagran.com/

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) को फर्म के आडिट के दौरान काफी सावधान और ईमानदार रहने की जरूरत है। पेशागत कदाचार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने पेशागत कदाचार के आरोप में एक सीए पर एक साल का प्रतिबंध लगाने के साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी किया है। एनएफआरए की तरफ से पहली बार किसी सीए के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई की गई है।

निवेशकों व कर्जदाताओं के हितों की रक्षा एवं कंपनियों में होने वाले आडिट की जांच के लिए अक्टूबर 2018 में कंपनी कानून के तहत एनएफआरए का गठन किया गया था। पेशागत कदाचार के आरोप में एनएफआरए किसी सीए पर अधिकतम दस साल के लिए प्रतिबंध लगा सकता है।

सीए पर एक साल का प्रतिबंध, एक लाख जुर्माना

एनएफआरए के चेयरमैन अजय भूषण पांडेय ने 21 जून के अपने फैसले में कहा कि कंपनी के आडिट के दौरान सीए गुलशन जगदीश झाम का पेशागत कदाचार साबित हो गया। इसलिए उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता है और उनपर एक साल का प्रतिबंध भी लगाया जाता है। एक साल तक झाम किसी कंपनी का आडिट या किसी के पक्ष में कोई वित्तीय वक्तव्य जारी नहीं कर सकेंगे। 

जानें- क्या है मामला

एनएफआरए के फैसले के अनुसार प्रभु स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड के आडिट के मामले में इस साल 22 मार्च को झाम को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछा गया था कि क्यों नहीं उनके खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की जाए। मामले के मुताबिक सीए ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी की गलतियों के बारे जानते हुए उसे उजागर नहीं किया। प्रापर्टी, कर्ज, स्टाक जैसी चीजों को लेकर कंपनी की अनियमितताओं को भी सीए ने अपनी रिपोर्ट में जारी नहीं किया। इन सब वजहों से कंपनी का मुनाफा काफी बढ़ा हुआ दिखाया गया और इससे निवेशक और कर्जदाताओं का हित प्रभावित हुआ। झाम ने अपनी गलती मान ली थी।

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